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हड़ताल से स्वास्थ्य सेवा हो गयी लकवाग्रस्त

आंदोलन का चौथा दिन. सदर अस्पताल के ओपीडी व दवा वितरण केंद्र पर ज्यादा परेशानी प्रबंधन चाहे लाख दावा कर ले और वैकल्पिक व्यवस्था का भी दावा करे लेकिन सच यह है कि सदर अस्पताल का ओपीडी, दवा वितरण केंद्र, पैथोलॉजी आदि हड़ताली कर्मियों की वजह से प्रभावित हुआ है. पूर्णिया : स्थान – सदर […]

आंदोलन का चौथा दिन. सदर अस्पताल के ओपीडी व दवा वितरण केंद्र पर ज्यादा परेशानी

प्रबंधन चाहे लाख दावा कर ले और वैकल्पिक व्यवस्था का भी दावा करे लेकिन सच यह है कि सदर अस्पताल का ओपीडी, दवा वितरण केंद्र, पैथोलॉजी आदि हड़ताली कर्मियों की वजह से प्रभावित हुआ है.
पूर्णिया : स्थान – सदर अस्पताल ओपीडी समय – 11.15 बजे
ओपीडी वार्ड में मरीजों की लंबी कतार देखने को मिली. डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे लेकिन कर्मियों के नहीं होने से मरीज का नाम पता सभी डॉक्टर स्वयं लिख रहे थे. रानीपतरा के आगा टोला से इलाज कराने आये मो उमर अंसारी ने बताया कि उसके पैर में एक सप्ताह पूर्व घाव हो गया था. रानीपतरा पीएचसी बंद होने से सदर अस्पताल आना पड़ा.
आठ बजे से लाइन में खड़े हैं और 11:15 बजे नंबर आया है. वहीं मीरगंज से आये मो तारीफ ने बताया कि सुबह 09 बजे से पर्ची कटा कर जांच के लिए लाइन में बैठे हैं, लेकिन अब तक नंबर नहीं आया है. बताया जा रहा है कि कान का डॉक्टर अभी नहीं आये हैं. 02 बजे इमरजेंसी वार्ड में कान का डॉक्टर बैठेंगे. वहीं जाकर इलाज कराने के लिए कर्मियों ने सलाह दी.
स्थान-सदर अस्पताल रजिस्ट्रेशन काउंटर, समय – 11:30 बजे
गुलाबबाग की गीता देवी, डगरूआ के जीनत परवीन और मरंगा की रीता देवी ने बताया कि वे लोग 8:30 बजे से पर्ची कटाने के लिए लाइन में खड़े हैं. पर्ची काटने का काम धीमी गति से चल रहा है. कई लोगों ने बताया कि 11:30 बजे ही काउंटर को बंद कर दिया गया है, जबकि ओपीडी का समय 12 बजे तक निर्धारित है. मरीजों ने यह भी आरोप लगाया कि काउंटर के अंदर शुल्क से ज्यादा रुपया लेकर पर्ची काटने का काम हो रहा था. जब लोगों ने विरोध किया तो कर्मी काउंटर बंद कर चले गये. मरीजों ने इस बात को लेकर अस्पताल उपाधीक्षक सुशीला दास से मिल कर शिकायत भी की. इस बात को लेकर मरीजों के परिजनों ने कुछ देर तक हंगामा भी किया. ऐसे लोग मायूस होकर वापस लौटे.
स्थान- सदर अस्पताल अल्ट्रासाउंड सेंटर, समय-11:45 बजे
अल्ट्रासाउंड सेंटर में काफी संख्या में मरीजों की भीड़ लगी हुई थी. लोग अपनी-अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. बनमनखी की सरला देवी ने बताया कि वह गर्भवती है और डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा है. सुबह 8:45 बजे से अपने पाली का इंतजार में है, लेकिन अब तक नंबर नहीं आया है. देरी का कारण कर्मियों की कमी बतायी जा रही है. सरला ने यह भी बताया कि कर्मी द्वारा दो सौ रुपये लेकर बाद में आने वाले लोगों को आगे का नंबर दे रहे हैं. हालांकि उक्त कर्मी ने सरला देवी के आरोप का खंडन किया. अल्ट्रासाउंड सेंटर पहुंचे कई लोगों को सेवा उपलब्ध नहीं हो सकी. इन में से कई लोग प्राइवेट अल्ट्रासांउड सेंटर चले गये. यह बानगी सदर अस्पताल की है. जहां हड़ताल के बावजूद स्थिति सामान्य होने के दावे अस्पताल प्रबंधन द्वारा किये जा रहे हैं.
प्रबंधन चाहे लाख दावा कर ले और वैकल्पिक व्यवस्था का भी दावा करे लेकिन सच यह है कि सदर अस्पताल का ओपीडी, दवा वितरण केंद्र, पैथोलॉजी आदि हड़ताली कर्मियों की वजह से प्रभावित हुआ है. वहीं सबसे अधिक प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. वहां पीएचसी में व्यवस्था पूरी तरह ठप पड़ी हुई है. लोग इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. सामान्य जांच एवं उपचार के लिए भी लोगों को शहर का सहारा लेना पड़ रहा है. यहां तक की हड़ताल का असर पोलियो उन्मूलन अभियान पर भी देखने को मिल रहा है.

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