Bihar News: बिहार सरकार ने हर घर नल का जल योजना में लापरवाही बरतने वाले इंजीनियरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने कार्रवाई करते हुए 04 कार्यपालक अभियंताओं का तबादला कर दिया है, जबकि दो कार्यपालक अभियंताओं को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई उन अधिकारियों के खिलाफ की गई है, जिन्होंने राज्यव्यापी अभियान के दौरान लगातार खराब प्रदर्शन किया है.
निरीक्षण के दौरान मिली गड़बड़ी
मुख्य सचिव के निर्देश पर जिला प्रशासन ने 21 फरवरी 2025 और 21-22 नवंबर 2024 को अभियान चलाकर PAYJAL APP के जरिए जलापूर्ति योजनाओं का निरीक्षण किया था. इस दौरान कई इंजीनियरों का प्रदर्शन खराब पाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. जिन इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है, वे किशनगंज, झंझारपुर, बांका और सीवान में पदस्थापित थे.
बीते सप्ताह विभाग द्वारा पूरे राज्य में चलाए गए अभियान के दौरान 22,800 से अधिक योजनाओं का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 21,043 योजनाएं क्रियाशील पाई गईं, इसके अतिरिक्त 1,500 से अधिक योजनाओं की मरम्मत कर उन्हें 48 घंटे के भीतर क्रियाशील बना दिया गया, इस प्रकार मरम्मत के बाद 97% योजनाएं पूर्ण रूप से क्रियाशील पाई गईं.
लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी -प्रधान सचिव
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. विभाग ‘हर घर नल का जल’ योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही के लिए ठेकेदारों और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी. विभाग अपने कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखेगा.
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ठेकेदारों पर भी लगा जुर्माना
नवंबर 2024 में किए गए जलापूर्ति योजनाओं के निरीक्षण के दौरान 1,17,000 से अधिक योजनाओं का निरीक्षण किया गया, जिन अधिकारियों के अपने क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन पाए गए, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और ठेकेदारों पर दो करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया है. इसके साथ ही ‘हर घर नल का जल’ में गंभीर लापरवाही बरतने पर कई ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई और उन्हें निविदा में भाग लेने से वंचित करने और काली सूची में डालने का निर्णय लिया गया. यदि ठेकेदार द्वारा बंद योजनाओं को विभाग द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर शुरू नहीं किया जाता है, तो ठेकेदार पर प्रतिदिन 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा रहा है.
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