संवाददाता,पटना
पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह ने पर्यटन विभाग की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी दी और कहा कि पर्यटन को राज्य के आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास के प्रमुख आधारों में से एक माना जाता है.पर्यटन न केवल राज्य की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करता है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों में वृद्धि एवं विकास में भी सहायक होता है.श्री सिंह, शुक्रवार को सूचना भवन के संवाद कक्ष में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि बिहार में वर्ष 2024 में लगभग 6.60 करोड़ से अधिक पर्यटक आए.
पर्यटन नीति में छोटे निवेशकों के लिए किये गये संशोधन : सचिव
पर्यटन सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि पर्यटन नीति में छोटे निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले, इसे लेकर नीति में कुछ संशोधन किए गए हैं.प्रमुख पर्यटन केंद्रों जैसे पटना, गया-बोधगया, राजगीर-नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर को छोड़कर जिला मुख्यालयों में चार स्टार होटल की सीमा तथा निवेश की राशि को कम कर दिया गया है.जिला मुख्यालयों में जहां थ्री स्टार और 7.5 करोड़ का निवेश तो अनुमंडल में टू स्टार और पांच करोड़ की निवेश सीमा तय की गयी है.इसके अलावा योजना लागत के 100% की अधिकतम सीमा के अंतर्गत एसजीएसटी के 80% की प्रतिपूर्ति वाणिज्यिक संचालन की तिथि से सात वर्षों तक की जायेगी, जो पहले पांच वर्षों की थी.वहीं बिहार को लोगों नौकरी देने वाले प्रतिष्ठान को इएसआइ और इपीएफ योजना में नियोक्ता अंशदान के लिए व्यय का 100% अथवा तीन हजार रुपये प्रति कर्मी, जो भी कम हो, की प्रतिपूर्ति होगी.वहीं,दिव्यांगों को रोजगार प्रदान करने वाली पात्र पर्यटन योजनाओं को प्रति कर्मी 1500 रुपये प्रति माह के पारिश्रमिक की प्रतिपूर्ति की जायेगी.मौके पर बीएसटीडीसी के प्रबंध निदेशक नंद किशोर,उप सचिव इंदु कुमारी और महाप्रबंधक चंदन चौहान सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
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