Patna Junction: पटना जंक्शन के रास्ते रामबाग से हावड़ा के बीच में चलने वाली विभूति एक्सप्रेस अब अत्याधुनिक एलएचबी कोच से लैस हो गयी है. सोमवार को 12334 विभूति एक्सप्रेस पटना जंक्शन के रास्ते हावड़ा रवाना हुई, जो एलएचबी से लैस थी. अब यह ट्रेन नियमित रूप से एलएचबी कोच के साथ ही चलेगी. विभूति एक्सप्रेस में अब 19 की जगह 17 कोच ही हैं और सीटों की संख्या भी 50 कम हो गयी है. इसमें स्लीपर के सात, एसी थ्री के तीन, एसी टू के दो और फर्स्ट एसी के एक और जेनरल के चार कोच को शामिल किया गया है.
एसी थ्री और स्लीपर के एक-एक कोच कम
वर्तमान में इसमें एसी थ्री व स्लीपर के एक-एक कोच को कम किया गया है. रेलवे का कहना है कि भविष्य में इसकी संख्या बढ़ा दी जायेगी. एसी थ्री में पहले चार कोचों में 256 यात्री सफर करते थे. अब सिर्फ तीन कोच होंगे, जिनमें कुल 216 सीटें होंगी. यानी 40 सीटों की कमी. हालांकि, सेकेंड एसी में एक कोच में पहले 46 सीटें थीं, जो एलएचबी में बढ़ कर 52 हो गयी हैं.
यहां छह सीटों की वृद्धि हुई है. पहले इस ट्रेन में स्लीपर के आठ कोच थे, जिनमें कुल 576 सीटें मिलती थीं. अब कोचों की संख्या घटा कर सात कर दी गयी है. एलएचबी के एक कोच में 80 सीटें होती हैं, तो अब कुल सीटें 560 होंगी. यानी स्लीपर क्लास में 16 सीटें कम हो गयी हैं. जेनरल कोच की संख्या पहले की तरह चार ही है.
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क्या है खासियत
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने कहा कि एंटी-टेलिस्कोपिक फीचर से लैस यह एलएचबी कोच दुर्घटनाग्रस्त होने पर एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते हैं. ये डिब्बे झटकों को रोक लेते हैं और तेज रफ्तार में भी पटरी पर इनकी पकड़ बेमिसाल रहती है. झटके नहीं लगते और शोर कम होता है.
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