मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शुक्रवार को जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के पैतृक घर देखने गये
संवाददाता,पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि 1978 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने जब पिछड़ों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया था, उस समय मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था.आज उसी कांग्रेस के साथ राजद का गठबंधन है. कारण, राजद के शीर्ष नेता शुरू से ही अति पिछड़ों को आरक्षण देकर आगे बढ़ाने के विरोधी रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर द्वारा 1978 में सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग के लोगों को आठ प्रतिशत तथा अतिपिछड़े वर्ग के लोगों को 12 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया. 1993 में जब यह पता चला कि बिहार में भी मंडल कमीशन की तर्ज पर अतिपिछड़ों एवं पिछड़ों को एक वर्ग में डालने की बात हो रही है तो मैंने साफ तौर पर इसका विरोध किया. 24 जनवरी, 1993 को हमने स्पष्ट रूप से कह दिया कि कर्पूरी जी के द्वारा जो आरक्षण लागू किया गया है, उसमें अगर कोई छेड़छाड़ होगी और उसमें अगर कोई परिवर्तन करने की कोशिश होगी तो हमलोग इसका पुरजोर विरोध करेंगे. बिहार की जनता ने जब नवंबर 2005 में मुझे मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया, उसके बाद मैंने पंचायतों में महिलाओं और अतिपिछड़ों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शुक्रवार को जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के पैतृक घर देखने गये. वहां से लौटने के बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर अपनी बात साझा की.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कर्पूरी ग्राम, समस्तीपुर पहुंचकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. राजनीति में शुचिता एवं सादगी के प्रतीक और सामाजिक न्याय के लिए अभूतपूर्व प्रयास करने वाले कर्पूरी ठाकुर हम सबके प्रेरणास्रोत हैं. हमलोग उनके आदर्शों पर चल रहे हैं. उनके सपनों को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं. हमलोग शुरू से कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ सम्मान देने की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस की केंद्र सरकारों ने उसे नहीं माना. बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने ही कर्पूरी ठाकुर को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया.
कुछ लोग अब स्वयं को जननायक घोषित कर असली जननायक को अपमानित करने का प्रयास कर रहे
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कल कुछ लोग अब स्वयं को जननायक घोषित कर असली जननायक को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर जैसे विराट व्यक्तित्व के अपमान का राजद और महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों द्वारा मौन समर्थन करना शर्मनाक है. पिछले चार पंचायत चुनावों में लाखों महिलाओं एवं वंचित तबकों के लोगों को नेतृत्व का अवसर मिला, जिससे गांव-समाज में उनका सम्मान बढ़ा, उनकी आवाज बुलंद हुई. पिछले 20 वर्षों में हमने ‘न्याय के साथ विकास’ की नीति के तहत बिना किसी भेदभाव के, समाज के वंचित तबकों के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए लगातार काम किया है. इसके लिए अनेक दूरगामी योजनाओं की न केवल शुरूआत की, बल्कि उनका कारगर कार्यान्वयन भी सुनिश्चित किया है. इस तरह हमने वंचित तबकों के उत्थान के कर्पूरी जी के सपनों को धरातल पर साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास किया है और आगे भी करते रहेंगे.
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