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बिहार की अर्थव्यवस्था का आकार 2047 तक बढ़कर 2.2 ट्रिलियन हो जायेगा

2047 तक बिहार की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 2.2 ट्रिलियन हो जायेगा. पीएम की अध्यक्षता में शनिवार को नयी दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी निकाय की 10वीं बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ा.

संवाददाता, पटना 2047 तक बिहार की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 2.2 ट्रिलियन हो जायेगा. पीएम की अध्यक्षता में शनिवार को नयी दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी निकाय की 10वीं बैठक में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री का भाषण पढ़ा.मुख्यमंत्री के भाषण में कहा गया है कि 2047 के विकसित भारत में परिप्रेक्ष्य में बिहार विजन 2047 पर काम कर रहा है. देश की अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार में बढ़ेगी उसी रफ्तार से 2047 में बिहार की अर्थव्यवस्था बढ़ कर 2.2 ट्रिलियन की हो जायेगी. साथ ही प्रति व्यक्ति आमदनी भी बढ़ कर 15 हजार डॉलर हो जाने का अनुमान है. बिहार विजन 2047 के लिए सचिवों की 10 समूह विभिन्न सेक्टर पर काम कर रहा है. विकसित बिहार 2047 के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया करवाए केंद्र: इसी तरह विकसित बिहार 2047 के लिए बिहार ने पांच, दस व 22 वर्षों के तीन चरण में लक्ष्यों का निर्धारण किया है. पूर्वोदय योजना के तहत तय इन लक्ष्यों को 2030 के लिए अल्पकालीन, 2035 के लिए मध्यकालीन व 2047 के लिए दीर्घकालीन लक्ष्य तय किया है. इसके तहत बिहार को 15.68 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत राष्ट्रीय विकास एजेंडा से संबंधित योजनाओं में 75 फीसदी से 90 फीसदी तक अंशदान केंद्र सरकार का रहता था. अभी केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय विकास एजेंडा से संबंधित सभी 21 योजनाओं का केंद्र व राज्य सरकार का वित्तीय पैटर्न 60:40 कर दिया गया है. कुछ योजनाओं में तो केंद्र व राज्य सरकार का अंशदान 50:50 कर दिया गया है.वित्तीय पैटर्न के इस बदलाव से राज्य को अपनी प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए कम राशि उपलब्ध हो पाती है. राज्य के विकास की अनिवार्यताओं को देखते हुए केंद्र से अंशदान 90 फीसदी करने पर विचार करने की मांग की गयी है.

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