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बच्चा बैंक दे रहा बच्चों को बचत की सीख

सैदपुर स्थित किलकारी बाल भवन में संचालित बच्चा बैंक (गुल्लक) बच्चों को छोटी उम्र से ही बचत करना सिखा रहा है.

संवाददाता, पटना

सैदपुर स्थित किलकारी बाल भवन में संचालित बच्चा बैंक (गुल्लक) बच्चों को छोटी उम्र से ही बचत करना सिखा रहा है. यह बैंक बच्चों को कम उम्र में ही बैंकिंग से भी जोड़ रहा है. बच्चा बैंक (गुल्लक) की स्थापना 14 नवंबर 2009 को बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. साल 2009 से अब तक इस बैंक में 4051 सदस्य हैं. बच्चा बैंक के लिए प्रबंधन समिति का गठन किया गया है. प्रबंधन समिति में किलकारी के बच्चे ही काम करते हैं. इसके साथ ही बैंक में हो रहे कार्यों की मॉनीटरिंग का जिम्मा अकाउंट ऑफिसर विनय मिश्रा को दिया गया है. उन्हीं के दिशा-निर्देश पर बच्चे काम करते हैं. साल 2017-18 में सर्वाधिक लेन-देन और 3000 से अधिक खाताधारी के लिए बच्चा बैंक का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है. जब किसी बच्चे की आयु 16 वर्ष से अधिक हो जाती है, तो उनका खाता इंडियन ओवरसीज बैंक में ट्रांसफर कर दिया जाता है. इसके अलावा हर साल बैंक के सर्वश्रेष्ठ सदस्य को सम्मानित किया जाता है.

अब तक 86 लाख का लेन-देन

बच्चा बैंक को इस तरह बनाया गया है कि वे न्यूनतम राशि बैंक में जमा कर बचत कर सकें. बच्चा बैंक में अब तक कुल 86 लाख 79 हजार 614 रुपये का लेनदेन हो चुका है. किलकारी में नामांकित बच्चे एक साल के बाद गुल्लक के सदस्य बन सकते हैं. न्यूनतम 10 रुपये की राशि से खाता शुरू होता है. बैंक में किलकारी से जुड़ा बच्चा अपनी इच्छानुसार एक रुपये से दस रुपये तक जमा कर सकता है. दिलचस्प बात यह है कि किलकारी के बच्चे ही बैंक प्रबंधक और उप प्रबंधक होते हैं, जिनकी उम्र 14-16 वर्ष होती है. अभी बच्चा बैंक की प्रबंधक प्रियंका कुमारी और उप प्रबंधक अदिति कुमारी हैं. ये बच्चे एक साल तक अपना पदभार संभालते हैं. यह बैंक सुबह दस बजे से लेकर शाम पांच बजे तक खुला रहता है. बच्चे खाते की मदद से पैसों का लेन-देन करते हैं.

खाते में होता है फोटो के साथ डिटेल

इस बैंक के खाते में बच्चों के फोटो के साथ उनका पूरा पता लिखा होता है. अगर बच्चे 1000 रुपये से अधिक राशि निकालना चाहते हैं, तो उन्हें बैंक प्रबंधक के नाम पर आवेदन देना होता है. वहीं दो हजार रुपये से ज्यादा निकासी पर तीन दिन पहले सूचना देनी होती है. जबकि इससे ज्यादा निकासी पर आवेदन के साथ अभिभावक की उपस्थिति अनिवार्य है. बच्चों की जमा राशि पर बैंक वित्तीय वर्ष के अंत में 4 प्रतिशत का ब्याज भी देता है. इतना ही नहीं, साल के अंत में बच्चों के खाते में 500 रुपये या अधिक की जमा राशि पर किलकारी की ओर से प्रोत्साहन के लिए इंट्रेस्ट के रूप में रुपये दिये जाते हैं. इन कार्यों के लिए निकाल सकते हैं राशि. बैंक में जमा पैसों को बच्चे पढ़ाई, घरेलू कार्य में सहयोग, बीमारी या फिर व्यक्तिगत कार्य के लिए निकाल सकते हैं. बैंक से अब तक सबसे अधिक बच्चे पढ़ाई के लिए पैसे निकालते हैं.

बच्चे चार से पांच हजार रुपये की करते हैं बचत

बच्चा बैंक बच्चों को बचत करने की सीख दे रहा है. जिन बच्चों को अभी पैसों की जरूरत है, वे बैंक से पैसे निकाल रहे हैं. साथ ही उन्हें बैंक में ट्रांसफर की भी सुविधा दी जा रही है. बच्चे बैंक में एक रुपये से लेकर 10 रुपये तक यहां जमा कर सकते हैं. आम तौर पर बच्चे चार से पांच हजार रुपये तक की बचत कर लेते हैं.

ज्योति परिहार, निदेशक, किलकारीB

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