संवाददाता,पटना 93 वें राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की संयुक्त बैठक मई के तीसरे सप्ताह में प्रस्तावित है. इसमें राज्य की साख-जमा अनुपात पर चर्चा होगी.सरकार के दबाव और बैंकों की ऋण देने में उदारवादी रवैया के चलते राज्य की साख-जमा(सीडी) अनुपात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.वर्ष 2024-25 में राज्य का सीडी औसत बढ़कर 60 फीसदी होने का अनुमान लगाया जा रहा है.जबकि वर्ष 2024-25 के तीसरे सप्ताह में सीडी अनुपात 58.59 फीसदी रही थी.इस अवधि में बैंकों ने 541414 करोड़ जमा की तुलना में 317220करोड़ ऋण दिये.हालांकि,यह अब भी राष्ट्रीय औसत 78 फीसदी की तुलना में कम है. बढ़ते निवेश और बैंकों द्वारा ऋण देने में उदारता का फल पिछले कुछ सालों में राज्य सरकार की अच्छी निवेश नीति यथा औद्योगिक प्रोत्साहन नीति,इथेनॉल नीति और पर्यटन नीति के कारण बड़े निवेशकों ने बिहार की ओर रुख किसे हैं.10-12 बड़ी कंपनियां इथेनॉल प्लांट लगाने के लिए आयीं और बैंकों ने इन कंपनियों को ऋण भी दिये.रिलाइंस जैसी बड़ी कंपनियां भी बिहार में निवेश करने को आगे आ रही है.जिस कारण से राज्य का साख-जमा अनुपात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. पूर्णिया का साख जमा अनुपात राष्ट्रीय औसत करीब 13.55 फीसदी अधिक राज्य के अंदर भी साख-जमा अनुपात में काफी असमानता है.पूर्णिया का सीडी अनुपात सबसे अधिक और मुंगेर का सबसे कम है. राज्य का एकमात्र जिला पूर्णिया है,जिसका सीडी अनुपात राष्ट्रीय औसत से अधिक है. पूर्णिया का साख जमा अनुपात 93.25 फीसदी है जो राष्ट्रीय औसत तकरीबन 13.55 फीसदी अधिक है. वहीं, मुंगेर का सीडी औसत सबसे कम करीब 34.44 फीसदी है. राज्य के 17 जिलों को सीडी औसत 45 से 60 फीसदी के बीच है.
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