संवादाता,पटना राजद से निष्कासित विधायक तेज प्रताप यादव की दलीय राजनीति पर ग्रहण लग सकता है. सियासत के इस भंवर में उनके सामने अपनी सियासी रसूख को जिंदा रखने की चुनौती है. दूसरी तरफ अपने राजनीतिक साख को बचाने के लिए छात्र/ युवा संगठन को जिंदा रखने का विकल्प भी उनके पास मौजूद है. हालांकि राजद और महागठबंधन विरोधी दल उनका सियासी इस्तेमाल कर सकते हैं. खासतौर पर वह राजद को मनोवैज्ञानिक मुसीबत जरूर खड़ी कर सकते हैं. हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि इनकी समूची राजनीति लालू प्रसाद के नाम पर टिकी रही है. ऐसे में उन्होंने राजद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की तो तेज प्रताप यादव की स्थिति उनके मामा साधु और सुभाष यादव की भांति हो सकती है. आज उनके इन रिश्तेदारों का राजनीतिक रसूख काफी हद तक सिमट चुका है. विवादों से गहरा नाता, हर किसी को दी है चुनौती तेज प्रताप का राजनीतिक विवादों से गहरा नाता रहा है. उन्होंने अपने पार्टी के दिग्गज नेताओं को सीधी चुनौती देकर पार्टी को कई बार असहज किया है. पेश है उनके मुख्य विवादों का ब्योरा… तेज प्रताप यादव का अपने भाई तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार और वर्तमान में राज्यसभा सांसद संजय यादव से भी विवाद हो चुका है. तब इन्होंने फेस बुक और ट्विटर हैंडल पर काफी शोर मचाया था. पार्टी के दिवंगत नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बारे में भी इन्होंने विवादित बयान दिया था. कहा था कि ‘समुद्र में एक लोटा पानी निकल जायेगा क्या होगा?’राजद को उन्होंने समुद्र बताया था. तेज प्रताप का यह बयान रघुवंश प्रसाद सिंह के उस समय दिय गये बयान की प्रतिक्रिया में आया था. इससे रघुवंश प्रसाद बेहद आहत हुए थे. राजद नेता जगदानंद सिंह के साथ भी तेज प्रताप की भिड़ंत हो चुकी है. जगदानंद सिंह के साथ विवाद होने पर लालू प्रसाद की तरफ से तेज प्रताप को साथ नहीं मिला था. तब तेज प्रताप ने पार्टी कार्यालय का अनुशासन भंग किया था. एक बयान के मामले में शिवानंद तिवारी से भी इनका एक विवाद हो चुका है. राजद के छात्र विंग के नेता को पार्टी की तरफ से हटाये जाने पर भी तेज प्रताप ने पार्टी नेताओं के खिलाफ एक मुहिम छेड़ी थी. अलग से छात्र संगठन खड़ा किया था. वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा करके सुरेंद्र यादव के खिलाफ लड़ा दिया था. तब पार्टी में इनके खिलाफ असंतोष उभरा था. तेज प्रताप के पास है करीब पौने तीन करोड़ से अधिक संपत्ति विधायक तेज प्रताप यादव को परिवार से निष्कासित कर दिया गया है. हालांकि, अभी इसका कोई विधिसम्मत आधार नहीं है, कि वह अब अपने पिता की संपत्ति के हकदार नहीं होंगे. ट्विटर हैंडल के बयान से किसी को संपत्ति के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है. तेजस्वी यादव के पास 2020 के शपथ पत्र के अनुसार 1.22 करोड़ चल और 1.60 करोड़ अचल संपत्ति है.
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