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युद्ध के साये में पढ़ाई : श्रीनगर, जम्मू, राजस्थान और पंजाब में रह रहे छात्र डरे-सहमे

भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और युद्ध जैसे हालात का असर अब शिक्षा जगत पर भी दिखने लगा है.

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-बिहार सहित विभिन्न राज्यों के छात्र ऑनलाइन क्लास और सुरक्षित निकासी की कर रहे मांगसंवाददाता, पटना

भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और युद्ध जैसे हालात का असर अब शिक्षा जगत पर भी दिखने लगा है. जम्मू-कश्मीर के एनआइटी श्रीनगर, आइआइटी जम्मू से लेकर पंजाब के अमृतसर-पठानकोट और राजस्थान के कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे हजारों छात्र असुरक्षा और भय के माहौल में जीने को मजबूर हैं. विशेषकर बिहार के करीब 300 छात्र एनआइटी श्रीनगर और आइआइटी जम्मू में अध्ययनरत हैं, जो इन हालातों से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं.

राजस्थान और पंजाब में रह रहे छात्रों ने लौटना शुरू किया

कोटा, अमृतसर, पठानकोट और गुरदासपुर जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में पढ़ाई करने वाले और कोटा शहर में रहकर नीट और जेइइ की तैयारी कर रहे छात्र भी भयभीत हैं. कोटा में अपने बच्चों को पढ़ा रहे रामशंकर सिंह ने बताया कि उन्होंने युद्ध जैसे हालात को देखते हुए अपने बेटे-बेटी को वापस बुला लिया है. कई छात्र अब घर लौटने लगे हैं, जिससे इन शहरों में कोचिंग संस्थानों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है.

एनआइटी श्रीनगर और आइआइटी जम्मू में तनावपूर्ण माहौल, ऑनलाइन क्लास की शुरुआत

घाटी में बिगड़ते हालात को देखते हुए एनआइटी श्रीनगर प्रशासन ने सोमवार से सभी कक्षाओं को ऑनलाइन मोड में चलाने का निर्णय लिया है. सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य गतिविधियों और गोलीबारी की खबरों के बीच छात्र भयभीत हैं. एनआइटी श्रीनगर के रजिस्ट्रार प्रो अतीकुर रहमान ने बताया कि कैंपस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, परंतु वर्तमान हालात को देखते हुए छात्रों की सुविधा के लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रारंभ कर दी गयी है. प्रो अतीकुर रहमान ने बताया कि कैंपस अभी सबसे सुरक्षित जगह है. पूरा इलाका बंद है. आवागमन बिल्कुल बंद है. स्टूडेंट्स को समझाया गया है. सभी स्टूडेंट्स मान गये हैं. सेना के साथ स्थानीय प्रशासन ने स्टूडेंट्स को बाहरी हालात से अवगत करा दिया है. बाहरी हालात सही नहीं हैं. कैंपस से मुख्य स्थान 300 किलोमीटर की दूरी पर है. इस दौरान स्टूडेंट्स को यहां से निकालना कहीं से सही नहीं है. सभी कक्षाएं सोमवार से ऑनलाइन कर दी गयी हैं. स्टूडेंट्स को सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं.

प्रशासन का आश्वासन: ‘हमारा कैंपस पूरी तरह सुरक्षित’

एनआइटी श्रीनगर के निदेशक प्रो बीके कनौजिया ने छात्रों और उनके परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि संस्थान उनकी सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ समन्वय कर सभी आवश्यक सुरक्षात्मक कदम उठाये जा रहे हैं. साथ ही, छात्रों को अफवाहों से दूर रहने और किसी भी स्थिति में विभागाध्यक्ष या डीन स्टूडेंट वेलफेयर से संपर्क करने की सलाह दी गयी है. उन्होंने कहा कि हमारा कैंपस पूरी तरह से सुरक्षित है. सुरक्षा कर्मियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने और आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिये गये हैं. संस्थान में सभी कक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ऑनलाइन चलेंगी, जब तक कि कोई अन्य सूचना न दी जाये.

मानसिक तनाव से जूझ रहे छात्र, काउंसेलिंग की मांग बढ़ी

छात्रों का कहना है कि लगातार तनाव और डर की वजह से पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. कई छात्रों ने संस्थान से मानसिक स्वास्थ्य के लिए काउंसेलिंग की सुविधा देने की मांग की है. एनआइटी प्रशासन ने बताया कि काउंसेलिंग और सहायता सेवाएं शुरू कर दी गयी हैं ताकि छात्र मानसिक रूप से स्थिर रह सकें. एनआइटी श्रीनगर और आइआइटी जम्मू के छात्रों ने सोशल मीडिया और इमेल के जरिए केंद्र सरकार से मांग की है कि उन्हें या तो अस्थायी रूप से घर भेजा जाये या पूरी पढ़ाई को ऑनलाइन कर दिया जाये. स्टूडेंट्स की मांग पर शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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