संवाददाता, पटना विधानसभा चुनाव के लिए जहां राजनीति और गुणा-गणित का खेल चल रहा है ,वहीं उम्मीदवारों के लिए स्टार प्रचारकों को भेजने का निर्णय भी गुणा-गणित के माध्यम से ही हो रहा है. यह स्थिति मुख्य धारा के लगभग सभी राजनीतिक दलों की है. हर उम्मीदवार अपने क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए लोकप्रिय और चर्चित चेहरे को पसंद करते हैं. वे अपनी पार्टी से इसकी मांग भी करते हैं. वहीं उम्मीदवारों की मांग पर स्टार प्रचारकों को भेजने के लिए लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अपना-अपना मानक तय कर रखा है. सूत्रों के अनुसार सभी राजनीतिक दलों के पास सभी विधानसभा क्षेत्रों का ग्राउंड रिपोर्ट तैयार है. स्टार प्रचारकों की मांग होते ही राजनीतिक दल यह देखते हैं कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र की ग्राउंड रिपोर्ट क्या कहती है? इसमें संबंधित क्षेत्र का जातीय समीकरण, पिछले विधानसभा चुनावों में पार्टी की परफॉर्मेंस रिपोर्ट और उम्मीदवार का संबंधित क्षेत्र में प्रभाव क्या है? इस तरह ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पार्टी तय करती है कि किस-किस धर्म और जाति वर्ग के नेता को संबंधित क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए भेजा जाना चाहिए. यदि उम्मीदवार ने 20-22 स्टार प्रचारकों को किसी दिन भेजने की मांग की है तो वहां कितने स्टार प्रचारक भेजना उचित होगा? स्टार प्रचारकों में नेताओं का चयन भी उम्मीदवार की मांग और ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर ही तय होता है. एनडीए के घटक दल कर रहे सामूहिक प्रचार इस बार के विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार को लेकर एक विशेषता दिख रही है कि एनडीए घटक दल के लगभग प्रत्येक उम्मीदवार केवल अपने दल नहीं, बल्कि एनडीए के स्टार प्रचारक की मांग कर रहे हैं. ऐसे में पार्टी की तरफ से भी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार के लिए एनडीए नेताओं को भेजने की व्यवस्था की जा रही है. ऐसे में लगभग प्रत्येक दिन पार्टी कार्यालयों में एनडीए के काे-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक हो रही है. इस बैठक के माध्यम से स्टार प्रचारकों का कार्यक्रम उम्मीदवारों के लिए तय किया जाता है. इसमें भाजपा, जदयू, लोजपा (रा), हम और रालोमो के नेता शामिल हैं. प्रत्याशियों की मांग के मुताबिक विधानसभावार पहुंचाये जायेंगे चुनाव प्रचारक राजद में विधायकों की मांग पर चुनाव प्रचार की रणनीति बनायी जा रही है. विधायक प्रत्याशियों से पूछा जा रहा है कि उन्हें किस वर्ग के प्रचारक चाहिए. साथ ही उनसे यह पूछा गया है कि वह अधिक से अधिक किन-किन की सभाएं कराना चाह रहे हैं. जानकारी के मुताबिक छठ के बाद उम्मीवारों से इस आशय की सूची मिलने की संभावना है. इसके बाद उनकी मांग के अनुसार फील्ड में लोग पहुंचाये जायेंगे. इस संदर्भ में बता दें कि करीब बीस विधायक अपनी मांग पार्टी तक पहुंचा चुके हैं.
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