पटना सिटी. .. निशान देखों भाव से बाबा श्याम विराजे,….डोरी खैंच के रखियों बाबा का निशान है, जैसे मधुर भजनों के बीच श्याम भक्तों ने श्री श्याम मंदिर सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित 21 वां रंग रंगीला श्री श्याम फाल्गुन महोत्सव पर सोमवार को निशान शोभायात्रा निकाली. मालसलामी स्थित बिहारी जी मिल्स से श्री श्याम निशान शोभायात्रा निकाली गयी.
शोभायात्रा से पहले वैदिक रीति रिवाज से आचार्य घनश्याम बाबा व पंडित वरुण शर्मा की देखरेख में यजमान बने दिलीप डीडवानिया व रेनू डीडवानिया से 1001 श्री श्याम निशान ध्वज की पूजा करायी. इसके बाद शोभायात्रा अशोक राजपथ के मुख्य मार्ग मारूफगंज, हाजीगंज, झाउगंज, होते राजा राम लेन स्थित श्याम मंदिर लौटा. जहां भक्तों ने श्याम प्रभु के चरण में निशान अर्पित किया.शोभायात्रा के बीच 31 चांदी के निशान के साथ आकर्षक रथ पर सजे श्याम प्रभु की छटा देखते बन रही थी. कलाकारों में जयपुर के मनोज पारिख एवं नीलम बारोलिया ने भजन कीर्तन से माहौल को भक्तिमय कर दिया. शोभायात्रा में रमन प्रकाश साह, नारायण साह, शंभू साह, अध्यक्ष अमर अग्रवाल, संयोजक मनीष हरलालका, कोषाध्यक्ष राहुल अग्रवाल, प्रदीप जैन, राजू सुल्तानिया, राजकुमार गोयनका, संजीव देवड़ा, पंकज लोयलका, गोपी शर्मा, सोनू बेरिवाल व श्याम सेना के सदस्य समेत अन्य शामिल थे.
आत्मा परमात्मा का मिलन को महारास कहते हैं
दानापुर. कली काल में संसार सागर से पार करने के लिए भगवान की कथा शुद्रण नौका के समान है. समापन दिन सोमवार को शाहपुर बभनईया पोस्ट ऑफिस के समीप मैदान परिसर में श्रीश्री 1008 रंगमहल पीठाधीश्वर रामशरण दास जी महाराज के सानिध्य में अयोध्या धाम से आये संत ब्यास स्वामी हरिनारायणाचार्य जी महाराज ने कही. उन्होंने कहा कि महारास की कथा भागवत का प्राण है. गोपियों की तरह यदि श्री कृष्ण से प्रेम किया जाये तो हमें उनका स्मरण नहीं करना पड़ेगा. गोपी रूपी जीव श्रीकृष्ण रूपी परमात्मा का जो मिलन है वही है महारास.
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