-पुरातत्व और ऐतिहासिक स्थल के आयामों पर होगी सपनों की उड़ान
संवाददाता, पटना
पुरातत्व और ऐतिहासिक स्थल के विभिन्न आयामों से स्कूली बच्चों को रूबरू कराने के लिये इस बार एनसीइआरटी की इ-पत्रिका सपनों की उड़ान ने थीम साझा की है. एनसीइआरटी की इ-पत्रिका सपनों की उड़ान के जून अंक को लेकर सीबीएसइ ने सभी स्कूलों को निर्देश दिया है. सीबीएसइ ने कहा है कि बच्चों को सपनाें की उड़ान इ-पत्रिका में लेखनी के लिए अपनी प्रविष्टियां भेजें. स्कूली बच्चे 29 मई को शाम चार बजे तक गूगल फॉर्म लिंक पर अपनी प्रविष्टियां भेज सकते हैं. इसमें अपने आसपास के स्थल, पुराने विद्यालय से लेकर मंदिर, कविता और अपना चिंतन बच्चों को भेजने के लिए कहा गया है. एनसीइआरटी ने निर्देश दिया है कि सपनों की उड़ान के जून अंक का उद्देश्य भारत की पुरातात्विक विरासत, प्राचीन वास्तुकला व खंडहरों, कलाकृतियों और संरक्षित धरोहरों के माध्यम से बतायी गयी कई कहानियों का जश्न मनाना और उनका आलोचनात्मक अन्वेषण करना है.
बच्चे कलात्मक, वैज्ञानिक व मानवीय पहलुओं का लगायेंगे पता
सपनों की उड़ान इ-पत्रिका के तहत बच्चों को कई उप-विषय दिये गये हैं, जिनमें सांस्कृतिक, कलात्मक, वैज्ञानिक और मानवीय पहलुओं का पता लगाया जायेगा. इसमें खोये हुए शहर और भूली हुई बस्तियां, पवित्र स्थान और अनुष्ठान, मंदिर, किले और महल, पत्थर में लिखी कहानियां, विरासत का संरक्षण एवं परीक्षण एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की भूमिका, कलाकृतियां और उनकी कहानियां (मिट्टी के बर्तन, उपकरण, शिलालेख) आदि, स्मारकों से जुड़े मिथक, किंवदंतियां और लोककथाएं, वास्तुकला के चमत्कार और डिजाइन का विकास, हेरिटेज वॉक और सांस्कृतिक पर्यटन जैसे विषय दिये गये हैं. बच्चे इस पर लेख, नाटक के साथ ही क्रिएटिव राइटिंग कर सकते हैं. इसके माध्यम से कैरियर की संभावनाएं भी तलाशी जायेंगी. पुरातत्व, विरासत संरक्षण, संग्रहालय संरक्षण या वास्तुकला इतिहास में करियर की संभावनाएं भी इसके माध्यम से तलाशी जायेंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है