बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने की जनसुनवाई
संवाददाता, पटना
बिजली ट्रांसपोर्टेशन और आपूर्ति करने वाली राज्य की तीन कंपनियों ने ट्रांसपोर्टेशन और आपूर्ति खर्च में करीब पांच पैसा प्रति यूनिट की दर से बढ़ोतरी का प्रस्ताव बिहार विद्युत विनियामक आयोग को दिया है. वर्ष 2024-25 में प्रति यूनिट ट्रांसपोर्टेशन और आपूर्ति खर्च करीब 50 से 52 पैसे था, जिसे बढ़ा 55 से 60 पैसे प्रति यूनिट करने की मांग की है. आयोग के समक्ष हुई सुनवाई में बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर और बिहार ग्रिड कंपनी शामिल है. तीनों कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में वार्षिक राजस्व की आवश्यकता (एआरआर) 2804 करोड़ रुपये की मांग की है, जो पिछले साल की तुलना में 758 करोड़ अधिक है. चालू वित्तीय वर्ष में तीनों कंपनियों को 2046 करोड़ खर्च करने की मंजूरी दी गयी थी. बुधवार को इस संबंध में बिहार विद्युत विनियामक आयोग के कोर्ट रूम में सुनवाई हुई. आयोग के अध्यक्ष आमिर सुबहानी, सदस्य पुरुषोत्तम सिंह यादव और सदस्य अरुण कुमार सिन्हा ने उपभोक्ता व उपभोक्ताओं के संगठन के साथ तीनों कंपनियों के अधिकारियों का पक्ष सुना.
बीआइए और चैंबर ने किया विरोध : तीनों ट्रांसमिशन कंपनी के प्रस्ताव का बीआइए और चैंबर ऑफ कॉमर्स ने विरोध किया. बीआइए के संजय भरतीया ने कहा कि बिहार में 8000 मेगावाट का पीक डिमांड है. इससे अधिक क्षमता का ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है. उन्होंने बिहार ग्रिड कंपनी को बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी में शामिल करने की मांग की.
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