संवाददाता, पटना शाहाबाद के सोनाचूर चावल को जीआइ टैग दिलाने का प्रस्ताव बिहार की ओर से भेजा गया है. सोनाचूर चावल की विशेषता, इसके इतिहास के पूर्ण दस्तावेज के साथ भौगोलिक सूचकांक संरक्षण एवं ट्रेड मार्क कार्यालय चेन्नई को भेजा गया है. जीआइ टैग मिलने के बाद राज्य के किसानों के उत्पाद का उचित मूल्य मिल पायेगा. पारंपरिक और पुराने चावल का संरक्षण भी होगा. बिहार कृषि विश्वविद्यालय शोध संस्थान की ओर से से सोनाचूर धान के 44 विभिन्न किस्मों को इकट्ठा किया गया. सोनाचूर को प्यूरीफाइ किया गया. गुणवत्ता एवं विभिन्न गुणों का परीक्षण किया गया. राज्य के अन्य धान के सुगंधित प्रभेद एवं देसी किस्म कतरनी, कनकजीरा, बादशाहभोग एवं मरचा धान से सुगंध एवं स्वाद तथा प्रोटीन ज्यादा मिला. सात जिलों रोहतास, बक्सर, कैमूर, भोजपुर, अरवल, औरंगाबाद एवं पटना में विशिष्ट कृषि उत्पादों में इसकी पहचान दिलाने की पहल की गयी है.
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