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कौन हैं बिहार की सोलर दीदी ‘देवकी देवी’? जिनकी संघर्षों की कहानी PM Modi ने देशभर को सुनाई…

Bihar News: मुजफ्फरपुर की देवकी देवी, जिन्हें लोग अब ‘सोलर दीदी’ के नाम से जानते हैं, उन्होंने संघर्षों के बीच सौर सिंचाई पंप से अपनी और गांव की किस्मत बदल दी. उनकी यह प्रेरक कहानी पीएम मोदी ने मन की बात में पूरे देश के साथ साझा की.

Bihar News: मुजफ्फरपुर की मिट्टी से निकली एक साधारण महिला ने अपने हौसले और मेहनत से न केवल अपनी जिंदगी बदली बल्कि पूरे गांव की तस्वीर भी संवार दी. करणपुरा पंचायत की रहने वाली देवकी देवी को आज लोग प्यार से “सोलर दीदी” कहते हैं. उनकी सफलता की गूंज रविवार को तब पूरे देश ने सुनी, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात के 125वें एपिसोड में उनका जिक्र किया.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक तंगी और सीमित साधनों के बावजूद देवकी देवी ने हिम्मत नहीं हारी. आधे कट्ठे जमीन पर जिंदगी गुजारने वाली महिला ने सौर सिंचाई पंप अपनाकर न केवल अपने परिवार का भविष्य संवारा बल्कि गांव के सैकड़ों किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण जलाई.

संघर्ष से सफलता तक का सफर

कम उम्र में शादी और पति की अस्थिर आय ने देवकी देवी के जीवन को कई मुश्किलों से भर दिया था. लेकिन जब उन्हें सौर सिंचाई योजना की जानकारी मिली, तो उन्होंने संदेह और सामाजिक दबाव को दरकिनार कर कदम बढ़ाया. महिला समूहों के सहयोग और अपने आत्मविश्वास के दम पर उन्होंने सोलर पंप लगवाया.

आज उसी पंप से लगभग 40 एकड़ जमीन की सिंचाई हो रही है और गांव के 66 किसान इसका लाभ उठा रहे हैं. पहले जहां किसानों को डीजल पंप से 1.25 डिसमिल जमीन की सिंचाई पर 150 रुपये खर्च करने पड़ते थे, वहीं अब सोलर सिंचाई से यह खर्च घटकर केवल 30 रुपये रह गया है.

बदली पहचान, बढ़ा सम्मान

देवकी देवी के प्रयासों से न सिर्फ खेती आसान हुई, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ी. उन्होंने 1141 घंटे तक पंप चलाकर करीब 1 लाख 40 हजार की आय अर्जित की. मेहनत और लगन की वजह से आज उनकी गिनती गांव के सम्मानित लोगों में होती है. एक समय तक जिनकी दुनिया घर की दीवारों तक सीमित थी, आज वही महिला पूरे समुदाय के विकास की मिसाल बन चुकी हैं.

सशक्तिकरण का प्रतीक बनीं चार बच्चों की मां देवकी देवी

चार बच्चों की मां देवकी देवी को देखकर आज हर कोई प्रेरित होता है. उनकी लगन और सफलता को देखते हुए सीएलएफ ने उन्हें भूमिगत पाइपलाइन योजना में भी शामिल किया. इससे उनकी सौर सिंचाई प्रणाली को और मजबूती मिली. आज उनका सफर सिर्फ उनकी कहानी नहीं है, बल्कि पूरे समाज में बदलाव का प्रतीक बन चुका है.

गांववालों की जुबान पर एक ही नाम है- “सोलर दीदी”. प्रधानमंत्री की जुबान से उनका नाम पूरे देश ने सुना, तो यह सिर्फ एक महिला की सफलता का सम्मान नहीं था, बल्कि यह संदेश भी था कि हौसला और दृढ़ता से कोई भी बदलाव संभव है.

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Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

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