Patna Metro: पटना मेट्रो का काम इन दिनों जोरों पर है. इसी महीने उद्घाटन की तैयारी है और ट्रायल रन भी चल रहे हैं. लेकिन तेजी में काम करने की हड़बड़ी का नतीजा अब सामने आने लगा है. मेट्रो स्टेशनों पर लगाए गए सूचना बोर्डों की गलतियों ने पूरी परियोजना को सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बना दिया है. हिंदी और अंग्रेजी – दोनों भाषाओं में गलतियाँ पकड़ ली गई हैं और अब इनकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
पटना मेट्रो लंबे समय से लोगों की उम्मीदों और ट्रैफिक से राहत के सपनों का हिस्सा रही है. सरकार हर हाल में इसका उद्घाटन सितंबर में कराने की कोशिश में है. इसलिए प्रायोरिटी कॉरिडोर पर काम दिन-रात किया जा रहा है. लेकिन जल्दबाजी में की गई लापरवाही अब मजाक बनती जा रही है.
“पटना विज्ञापन महाविद्यालय” और “Patna Juction”
दरभंगा हाउस के पास स्थित पटना साइंस कॉलेज का नाम पटना मेट्रो के एक बोर्ड पर “पटना विज्ञापन महाविद्यालय” लिख दिया गया. अंग्रेजी में भी ‘College’ की जगह ‘Collage’ छप गया.यही नहीं, पटना जंक्शन को ‘Patna Juction’ और पाटलिपुत्र को ‘Patlipura’ लिख देने जैसी गलतियां सामने आई हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि उद्घाटन की हड़बड़ी में बिना प्रूफरीडिंग के ये बोर्ड लगा दिए गए. अब यही तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होकर बिहार को अंग्रेजी मजाक का नया कारण बना रही हैं. ट्रोलिंग इतनी बढ़ गई है कि उद्घाटन से पहले ही पटना मेट्रो की छवि पर सवाल उठने लगे हैं.

बिहार और अंग्रेजी: बार-बार क्यों बनता है मजाक?
यह पहली बार नहीं है जब बिहार स्पेलिंग मिस्टेक्स को लेकर चर्चा में आया है. अक्सर सार्वजनिक स्थानों, होर्डिंग्स और सरकारी बोर्डों पर ऐसी गलतियां दिखती हैं. कई बार ये अनुवाद की गलतियों से पैदा होती हैं, तो कई बार लापरवाही का नतीजा होती हैं.
शिक्षा का बड़ा केंद्र होने के बावजूद बिहार की अंग्रेजी कमजोर बताकर ट्रोल करना सोशल मीडिया का आम ट्रेंड है. अब पटना मेट्रो की गलती ने इस इमेज को और हवा दे दी है.

ट्रोलिंग के बीच प्रशासन की चुप्पी
मेट्रो प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. हालांकि, खबर है कि उद्घाटन से पहले सभी साइन बोर्ड दोबारा जांचे और बदले जाएंगे. अधिकारियों का मानना है कि ये गलतियां वेंडर की ओर से हुई हैं और इन्हें तुरंत सुधार लिया जाएगा.
पटना मेट्रो बिहार की पहली मेट्रो परियोजना है. इसे लेकर आम जनता में उत्साह है. लेकिन उद्घाटन से पहले हुई ये लापरवाही प्रशासन की छवि धूमिल कर रही है. एक तरफ लोग मेट्रो को स्मार्ट सिटी की पहचान मान रहे हैं, दूसरी ओर स्पेलिंग मिस्टेक्स की वजह से यह हंसी का कारण बन रही है.
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