Patna Flood Alert: गंगा के उफान ने पटना के ग्रामीण इलाकों में तबाही मचा दी है. दानापुर दियारा की पानापुर, मानस, पुरानी पानापुर, हेतनपुर, पतलापुर और मनेर की छिहतर, महावीर टोला, इसलामगंज, रतन टोला, हल्दी छपरा पंचायतें पानी में डूब चुकी हैं. आवागमन ठप है, नाव की कमी से लोग घरों में फंसे हुए हैं और बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं.
शिक्षा पर संकट
दानापुर अनुमंडल पदाधिकारी दिव्या शक्ति ने बताया—
“बाढ़ के कारण 49 स्कूल बंद करने का निर्णय लेना पड़ा है. इनमें से कई भवन अब अस्थायी आश्रय स्थल के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं. स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.”
स्कूलों के बंद होने से बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है, वहीं कई भवनों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षित ठिकाने के रूप में रह रहे हैं।
प्रभावित लोगों का हाल बेहाल
बाढ़ प्रभावित दानापुर दियारा के निवासियों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं. दानापुर बलदेव हाई स्कूल में सैकड़ों लोग, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं, अस्थायी रूप से रह रहे हैं. बाढ़ के पानी ने खेतों को भी डुबो दिया है, जिससे किसानों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है. प्रभावित लोग प्रशासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.
जिला प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहा है. राहत शिविरों की स्थापना, भोजन और पेयजल की व्यवस्था के साथ-साथ मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, गंगा के जलस्तर में निरंतर वृद्धि और बिगड़ते मौसम ने प्रशासन के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं.
गंगा के बढ़ते जलस्तर का कहर
पटना के ग्रामीण इलाकों, विशेष रूप से दानापुर और मनेर में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से हालात बेकाबू हो गए हैं. जहां दानापुर दियारा की 6 पंचायतों, वहीं मनेर की 5 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल चुका है. लोग घरों से बाहर निकलने में असमर्थ हैं और नाव की व्यवस्था न होने के कारण आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है. प्रभावित लोग बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे हैं.
दानापुर दियारा की पानापुर, मानस, पुरानी पानापुर, हेतनपुर, पतलापुर और मनेर की छिहतर, महावीर टोला, इसलामगंज, रतन टोला, हल्दी छपरा जैसी पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं. इन क्षेत्रों का शहर मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है. दियारा के निचले हिस्सों में पानी भरने से मंदिर, यज्ञशाला और सरकारी संस्थानों तक में पानी लबालब है.
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