-राज्य के 150 टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स को जारी किया गया नोटिस
-संस्थानों ने परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा नहीं कीसंवाददाता, पटना
शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता पर राष्ट्रीय स्तर पर चल रही सख्ती अब बिहार के बीएड कॉलेजों पर भी भारी पड़ सकती है. नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीइ) ने राज्य के 150 टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स के साथ देश भर के करीब तीन हजार से अधिक संस्थानों को नोटिस जारी किया गया है, जिन्होंने अब तक अपनी परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट जमा नहीं की है. इन संस्थानों में बिहार के भी कई नामचीन और दर्जनों छोटे-बड़े बीएड कॉलेज शामिल हैं. एनसीटीइ ने जरूरी फीडबैक और शिकायतों का आकलन करने के बाद इन सभी संस्थानों से 2021-22 और 2022-23 की परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट फाइनल करने को कहा था, जिसके चार माह होने के बाद भी अब तक 150 से अधिक संस्थानों ने बार-बार कहने के बाद भी रिपोर्ट जमा नहीं की है. अब एनसीटीइ रिपोर्ट न देने वाले संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर रहा है. मेंबर सेक्रेटरी अभिलाषा झा मिश्र ने कहा है कि कुछ संस्थानों के बारे में शिकायतें मिली थी, जिनमें केवल स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन न तो वहां कोई इंफ्रास्ट्रक्टचर होता है और न ही पढ़ाने वाले होते हैं. जिन-जिन टीचिंग इंस्टीट्यूशन को कारण बताओ नोटिस जारी किये जा रहे हैं, उन्हें 15 दिनों के भीतर जवाब देना होगा. संस्थान नोटिस का जवाब देते हुए 16-17 अप्रैल तक रिपोर्ट ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं.ऑनलाइन माध्यम से जमा होगी रिपोर्ट
एनसीटीइ ने स्पष्ट किया है कि रिपोर्ट केवल ऑनलाइन पोर्टल https://par.ncte.gov.in/par_feedback_system के माध्यम से ही जमा की जायेंगी. क्षेत्रीय कार्यालयों को भी निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित संस्थानों को अंतिम रूप से निर्देश भेजें.यह रिपोर्ट वार्षिक प्रगति को दर्शाती है
यह रिपोर्ट न केवल संस्थानों की वार्षिक प्रगति को दर्शाती है, बल्कि इसमें ऑडिटेड अकाउंट स्टेटमेंट भी अनिवार्य होता है. रिपोर्ट जमा न करने वालों पर कार्रवाई तय है. एनसीटीइ ने कहा कि बिहार में बीएड कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन नियामकीय प्रक्रियाओं में लापरवाही की शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बड़ी संख्या में कॉलेजों ने रिपोर्ट अपलोड नहीं की है. ऐसे में राज्य में कई संस्थानों की मान्यता 2025 में खत्म कर दी जायेगी. मान्यता रद्द होने वाले संस्थानों में सत्र 2025 में एडमिशन प्रक्रिया शुरू नहीं होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है