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पटना के राजीव नगर इलाके से गायब जमीन कारोबारी की हत्या, औरंगाबाद में मिला शव और गाड़ी

धनंजय सिंह का बेटा ज्ञान निकेतन में पढ़ता है. वे छह अगस्त को चारपहिया गाड़ी लेकर बेटे की फीस जमा करने के लिए गोला रोड स्थित ज्ञान निकेतन स्कूल गये. वे वहां पहुंचे और बेटे की फीस जमा करने के बाद निकल गये. उन्हें कोर्ट जाना था. लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे.

पटना के राजीव नगर थाना इलाके से छह अगस्त को संदिग्ध परिस्थिति में गायब जमीन कारोबारी धनंजय सिंह (43) की अपराधियों ने हत्या कर दी है. उनका शव व चारपहिया गाड़ी औरंगाबाद जिले के देवकुंडा थाना क्षेत्र के बनतारा बागान में लावारिस हालत में मिली. अपराधियों ने उनकी हत्या करने बाद तेजाब से चेहरे व शरीर के अन्य अंगों को बुरी तरह जला दिया है, ताकि उनकी पहचान न हो सके. साथ ही शव से दुर्गंध आ रही थी. जिससे यह स्पष्ट है कि अपराधियों ने उनकी हत्या छह अगस्त को ही कर दी थी. शव को पेड़ के पत्ता व घास से ढ़ंक दिया गया था. पुलिस ने शव को बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

लेन-देन को लेकर चल रहा था विवाद 

मृतक के बड़े भाई संजय सिंह के अनुसार, धनंजय का पैसे का लेन-देन को लेकर कुछ लोगों से विवाद चल रहा था और पूरी संभावना है कि उन लोगों ने ही मेरे भाई की हत्या की है. इधर, पुलिस संजय सिंह द्वारा नामजद आरोपित बनाये गये लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है. घटना की जानकारी मिलने पर डीएसपी विधि व्यवस्था संजय कुमार भी छानबीन करने के लिए राजीव नगर थाना पहुंचे थे.

धनंजय सिंह अपने परिवार के साथ राजीव नगर थाने के घुड़दौड़ रोड में रहते थे. वे अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गये हैं. धनंजय सिंह मूल रूप से रोहतास के डेरगांव के रहने वाले थे. राजीव नगर थानाध्यक्ष नीरज कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है. कुछ लोगों के नाम सामने आये हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा.

बेटे की फीस जमा करने के लिए निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे

जानकारी के अनुसार, धनंजय सिंह का बेटा ज्ञान निकेतन में पढ़ता है. वे छह अगस्त को चारपहिया गाड़ी लेकर बेटे की फीस जमा करने के लिए गोला रोड स्थित ज्ञान निकेतन स्कूल गये. वे वहां पहुंचे और बेटे की फीस जमा करने के बाद निकल गये. उन्हें कोर्ट जाना था. लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे. इसके साथ ही उनके संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पायी और मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ हो गया. छह अगस्त को जब वे देर रात तक अपने घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता हुई और खोजबीन शुरू हुई.

इसके बाद सात अगस्त को स्कूल के सीसीटीवी कैमरे को चेक किया तो पता चला कि वे 10.23 बजे वहां पहुंचे थे और वापस निकल गये. इसके बाद वे कहां गये, कुछ जानकारी नहीं मिली. इसी बीच औरंगाबाद के देवकुंड पुलिस को धनंजय सिंह की बॉडी व गाड़ी मिल गयी. गाड़ी के अंदर रखे बेटे के स्कूल फीस से जुड़े कागजात व मोबाइल नंबर से उनके घर के संबंध में जानकारी ली और राजीव नगर पुलिस को मामले की जानकारी दी.

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इसके बाद ही उनके शव बरामद होने की जानकारी परिजनों को मिली. बताया जाता है कि उनके गाड़ी से अरवल के एक होटल के खाने का बिल भी मिला है. जिसके कारण यह स्पष्ट है कि वे अरवल भी किसी के साथ गये थे. बड़े भाई संजय सिंह ने बताया कि वे औरंगाबाद गये और भाई के शव की पहचान की. उन्हें बूरी तरह मारा गया है और शरीर को भी तेजाब से जला दिया गया है.

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