बिहार के भागलपुर जिले में है नवगछिया. जो पुलिस जिला है और गंगा के दूसरी छोर पर है. खगड़िया-पूर्णिया मार्ग पर स्थित नवगछिया सूखे नशे के अवैध कारोबार के लिए लगातार चर्चे में बना हुआ है. पुलिस कार्रवाई करके तस्करों को पकड़ती रही है. पिछली कुछ कार्रवाई में सूखे नशे के अवैध कारोबार का मणिपुर और पश्चिम बंगाल से कनेक्शन जुड़ा है. खुलासा होता रहा है कि मोटे पैसे के लिए महिलाएं भी स्मैक और ब्राउन शुगर की सप्लायर बन रही हैं. वहीं स्थानीय लोग स्मैक और ब्राउन सुगर की चपेट में आ रहे युवाओं को लेकर चिंतित हैं.
बंगाल की महिला 1 करोड़ का ब्राउन शुगर लेकर आयी नवगछिया
ब्राउन सुगर तस्करी का ताजा मामला सामने आया है. नवगछिया थाना की पुलिस ने 750 ग्राम ब्राउन शुगर लेकर जा रही एक महिला तस्कर को गिरफ्तार किया. उसने डेरी मिल्क के सेलिब्रेशन पैकेट में इस खेप को छिपाकर रखा था. महिला इस खेप की डिलिवरी करने आयी थी. जिस युवक को यह ब्राउन शुगर देना था, वो भी गिरफ्तार हुआ है. नशे का खेप पहुंचाने आयी महिला पश्चिम बंगाल के मालदा की रहने वाली जूली उर्फ माही है. महिला 7 पैकेट ब्राउन शुगर लेकर आयी थी. जिसकी कीमत करीब 1 करोड़ आंकी गयी. ब्राउन सुगर का खेप वह रंगरा थाना क्षेत्र के साहू टोला भवानीपुर निवासी गुंजन कुमार को देने पहुंची थी.
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नवगछिया के तस्कर को पहुंचाती थी माल
एक गिरोह के तरह ब्राउन सुगर का कारोबार ये लोग करते हैं. इसकी जानकारी महिला तस्कर ने पुलिस को दी. उसने बताया कि ब्राउन सुगर पहुंचाने के बदले उसे मोटी रकम मिलती है. नवगछिया का तस्कर राजा कुमार है जिसे यह पहुंचाना था. उस खेप को रीसिव करने गुंजन कुमार आया था. महिला ने बताया कि दो महीने में वो तीन बार ब्राउन सुगर नवगछिया में पहुंचा चुकी है.
अगस्त में मणिपुर की दो महिला सप्लायर 3 करोड़ के ब्राउन शुगर के साथ धरायी
पिछले महीने नवगछिया में 3.25 करोड़ के दो किलो ब्राउन शुगर के साथ तीन तस्कर पकड़ाए थे. इनमें मणिपुर की रहने वाली दो महिला तस्कर भी थीं. बिहपुर थाना की पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया था. अवध असम ट्रेन से दोनों महिला सप्लायर उतरी थीं. इसके बाद गाड़ी से ब्राउन शुगर लेकर नवगछिया जा रही थी. गुप्त सूचना पर पुलिस ने वाहन चेकिंग करके 2 किलो से अधिक के खेप के साथ इन महिलाओं को पकड़ा था. करीब 3 करोड़ से अधिक इसका मूल्य था. इन्होंने पुलिस को बताया था कि ब्राउन शुगर पहुंचाने के बदले इन्हें मोटी रकम मिलती है. ये लोग मणिपुर से ब्राउन शुगर लेकर नवगछिया आ रहे थे. गौतम राय और मांगन कुमार को यह खेप पहुंचाना था.

पिछले साल स्मैक बिजनस का खेल आया था सामने
पिछले साल दिसंबर 2024 में भी सूखे नशे का खेल नवगछिया में पकड़ाया था.पश्चिम बंगाल और मणिपुर से इसका कनेक्शन सामने आया था. दरअसल, पूर्णिया पुलिस ने दो तस्करों को 5 किलो से अधिक के स्मैक के खेप के साथ पकड़ा था. पूछताछ में उन्होंने पूरे गिरोह और सूखे नशे के अवैध कारोबार का राज उगला था. बताया था कि बंगाल का रहने वाला शक्ति दादा उन्हें स्मैक देता है और बिहार में उसे खपाया जाता है.
नवगछिया को बनाया था स्मैक का स्टॉक प्वाइंट
पूर्णिया में पिछले साल एसएसपी कार्तिकेय शर्मा थे. जो वर्तमान में पटना के पुलिस कप्तान हैं. पूर्णिया पुलिस के हत्थे चढ़े दो स्मैक तस्कर रोनक कुमार और रिक्की सिंह ने पुलिस को बताया था कि कोसी-सीमांचल और नवगछिया में स्मैक को खपाया जाता है. नवगछिया में बकायदा एक कमरा भी इन तस्करों ने लिया था. स्मैक का खेप लाकर वो यहां रखते थे और ऑर्डर के हिसाब से माल वहां से निकालते थे.
मणिपुर और बंगाल का है बड़ा कनेक्शन
स्मैक तस्करों ने पुलिस को बताया था कि 100 ग्राम के एक जीपर पर 30 से 40 हजार रुपए का इन्हें मुनाफा मिलता है. हर महीने करीब 300 से 400 जीपर पैकेट स्मैक ये लोग कोसी-सीमांचल इलाके में खपा आते हैं. हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपए गिरोह कमाता है. उन्होंने बताया था कि स्मैक का कच्चा माल मणिपुर से आता है. जो 20 लाख रुपए किलो के हिसाब से मिलता है. एक किलो कच्चा माल से तीन किलो से अधिक स्मैक बनता है. पश्चिम बंगाल के दालकोला का रहने वाला शक्ति दादा कलिया चक मालदह से स्मैक बनाने वाले विशेषज्ञ से स्मैक बनवाकर तस्करों में बांटता है. जिन युवकों को पैसे की किल्लत रहती है वो पैसा कमाने के चक्कर में स्मैक की डिलिवरी करते हैं और मोटा माल कमाते हैं.

