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रोबोट की मदद से सर्जरी करने वाला देश का तीसरा शहर बना पटना, घुटने और कुल्हे की प्रत्यारोपण सर्जरी हुई आसान…

पटना: पटना देश का तीसरा शहर बन गया है, जहां रोबोटिक आर्म की मदद से घुटने और कुल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो गयी है. शहर के अनूप इंस्टीट्यूट आॅफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन में इसके लिए करीब 14 करोड़ की लागत से रोबोटिक आर्म मशीन आयी है. यह एक तरह का रोबोट है, जिसकी मदद से डाॅक्टर ज्यादा बेहतर सर्जरी कर सकते हैं. इस आधुनिक तकनीक की मदद से इस अस्पताल के डाॅक्टरों ने 10 मरीजों के घुटने के जोड़ को बदल कर उनको नया जीवन दिया है. खास बात यह रही कि सर्जरी के बाद इन मरीजों को 72 घंटे में ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

पटना: पटना देश का तीसरा शहर बन गया है, जहां रोबोटिक आर्म की मदद से घुटने और कुल्हा प्रत्यारोपण सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो गयी है. शहर के अनूप इंस्टीट्यूट आॅफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन में इसके लिए करीब 14 करोड़ की लागत से रोबोटिक आर्म मशीन आयी है. यह एक तरह का रोबोट है, जिसकी मदद से डाॅक्टर ज्यादा बेहतर सर्जरी कर सकते हैं. इस आधुनिक तकनीक की मदद से इस अस्पताल के डाॅक्टरों ने 10 मरीजों के घुटने के जोड़ को बदल कर उनको नया जीवन दिया है. खास बात यह रही कि सर्जरी के बाद इन मरीजों को 72 घंटे में ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.

प्रत्यारोपन का काम ज्यादा आसानी से और बेहतर तरीके से

इस तकनीक के बारे में संस्थान के मेडिकल डायरेक्टर और रोबोटिक जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डाॅ आशीष सिंह कहते हैं कि यह रोबोटिक आर्म मेको लियो 2 तकनीक की मदद से पहले खराब जोड़ का थ्रीडी माॅडल सीटी स्कैन से बनाता है. इस माॅडल का इस्तेमाल मरीज की सर्जरी प्लान करने में किया जाता है. इससे मरीज के ओटी में जाने से पहले ही पूरी तैयारी संभव हो जाती है. इसके बाद आॅपरेशन में डाॅक्टर रोबोटिक आर्म की मदद से सटीक कट लगाते हैं और प्रत्यारोपन का काम ज्यादा आसानी से और बेहतर तरीके से होता है.

गलती की संभावना नहीं

रोबोटिक आर्म को लेकर अस्पताल की ओर से होटल मौर्या में एक प्रेस काॅन्फ्रेंस भी शनिवार को किया गया. इसमें संस्थान के चेयरमैन डाॅ आरएन सिंह ने कहा कि इस नयी तकनीक से आॅपरेशन में कम कटिंग होगी. इससे सर्जरी में मरीज को कम-से-कम तकलीफ होगी. खून कम बर्बाद होता है. डाॅक्टर के द्वारा किसी तरह की गलती की संभावना नहीं के बराबर रहती है. मरीज की हड्डी की स्थिति की बेहतर जानकारी डाॅक्टर को पहले ही मिल जाती है.

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खर्च पहले जैसा ही

उन्होंने कहा कि रोबोटिक तकनीक आने के बाद भी घुटना और कुल्हा प्रत्यारोपण का खर्च पहले की तरह ही रहेगा. इसमें कोई बढ़ोतरी अस्पताल नहीं करेगा. आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीज निःशुल्क आॅपरेशन करवा सकते हैं.

दूसरे राज्यों से सस्ता इलाज 

दूसरे राज्यों में यही सर्जरी करवाने पर खर्च तीन से चार लाख तक आता है. लेकिन पटना में यह खर्च करीब 2.25 लाख से 2.50 लाख ही आयेगा. इसमें आॅपरेशन का चार्ज 151,000 होगा. जिसमें पांच दिन रहने, एक दिन आइसीयू का चार्ज, आॅपरेशन और दवा समेत सभी अन्य खर्च शामिल होंगे. वहीं, प्रत्यारोपण में लगने वाले उपकरण का खर्च 70 हजार से लेकर एक लाख तक अलग से होगा.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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