Bihar: बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर एक बार फिर से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के नेता जीतन राम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जो लोग सिर्फ शराब पीने या थोड़ी-बहुत मात्रा में ले जाने के कारण पकड़े गए हैं, उन पर दर्ज मुकदमों को सरकार माफ कर दे.
मांझी ने आरोप लगाया कि पुलिस असली माफियाओं को छोड़कर गरीब और छोटे लोगों को निशाना बना रही है. यह गलत है. उन्होंने कहा कि सरकार को विधानसभा चुनाव से पहले उन लोगों के लिए माफी का ऐलान करना चाहिए, जिन्हें सिर्फ शराब पीने की वजह से जेल जाना पड़ा.
शराब बंदी के खिलाफ नहीं- मांझी
जीतन राम मांझी ने साफ कहा कि वे शराबबंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसका गलत तरीके से लागू होना चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि शराब बनाने और तस्करी करने वाले माफियाओं पर कार्रवाई होनी चाहिए, न कि गरीब और आम लोगों को परेशान किया जाए.
2022 में कानून में किया गया था बदलाव
बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है. यह नीतीश कुमार सरकार का बड़ा कदम था. लेकिन शुरू से ही यह विवादों में रहा. आरजेडी, कांग्रेस और वामदल के नेता इस कानून को असफल बताकर लगातार सरकार पर निशाना साधते रहते हैं .
मांझी ने कहा कि इस कानून की वजह से अब तक 4-5 लाख गरीब लोग जेल जा चुके हैं. 2022 में सरकार ने कानून में कुछ ढील दी थी, जिसमें शराब पीने वालों के लिए जेल की बजाय जुर्माना भरने का प्रावधान किया गया था.
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सिर्फ गरीब लोगों को भेजा जाता है जेल- मांझी
कानून में बदलाव के बाद भी बिहार में अवैध शराब की तस्करी और जहरीली शराब से मौत की घटनाएं लगातार सामने आती रहती हैं. छपरा, सिवान और गोपालगंज जैसे जिलों में सैकड़ों लोग जहरीली शराब से जान गंवा चुके हैं. मांझी ने कहा कि असल में बड़े-बड़े लोग और सफेदपोश रात में शराब पीते हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती. सिर्फ गरीब लोगों को पकड़कर जेल भेज दिया जाता है.
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