अतिपिछड़ा, दलित समुदाय की महिलाएं जीविका के माध्यम से हुईं आर्थिक सशक्त: जदयू
संवाददाता, पटना
जदयू विधान पार्षद सह मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार और प्रदेश प्रवक्ता हिमराज राम ने संयुक्त प्रेस वार्ता में गुरुवार को तेजस्वी यादव के महिला रोजगार योजना के तहत दिये गये 10 हजार की राशि को लौटाने वाली बात पर निशाना साधा है. साथ ही कहा है कि इसको लेकर तेजस्वी यादव को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए. जदयू नेताओं ने तेजस्वी यादव से नौ सवाल किया है.
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जदयू नेताओं ने कहा है कि एक सितंबर, 2025 का प्रपत्र तेजस्वी यादव पढ़कर बताएं कि ये सही है या नहीं? इसमें साफ लिखा है कि महिला रोजगार योजना के तहत यह राशि बिहार सरकार द्वारा परिवारों को आर्थिक सहायता के रूप में दी गयी है, इसे वापस नहीं किया जाना है. साल 2011 में लालू प्रसाद केंद्र की यूपीए सरकार के सहयोगी थे. उस समय केंद्र ने बिहार की ‘जीविका’ योजना को ‘आजीविका’ के नाम से लागू किया, लेकिन लालू प्रसाद चुप क्यों थे? जदयू नेताओं ने कहा कि साल 2005 से पहले राजद शासनकाल में आज की जीविका योजना स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के नाम से एनजीओ द्वारा चलायी जाती थी. उसको लेकर आवंटित राशि भी तत्कालीन सरकार खर्च नहीं कर पाती थी? इसको लेकर क्या तेजस्वी श्वेत पत्र जारी करेंगे? जीविका के तहत अभी तक 31 लाख 70 हजार जीविका दीदियां लखपति बन चुकी हैं, क्या यह सही नहीं है? इन महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण से तेजस्वी यादव को क्या परेशानी है? जदयू नेताओं ने पूछा है कि राघोपुर में बहुसंख्यक अतिपिछड़ा,दलित और अल्पसंख्यक महिलाएं जीविका के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त हुई हैं, क्या वे उनके दरवाजे पर गये हैं? जदयू नेताओं ने कहा है तेजस्वी यादव को अतिपिछड़ा, दलित एवं अल्पसंख्यक महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण नागवार क्यों लगता है? जीविका दीदियां प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड एवं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना से आच्छादित हैं, ये सही है? जीविका दीदियों के कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए उन्हें आइआइएम कोलकाता में प्रशिक्षण दिया जाता है. क्या तेजस्वी वहां गये हैं?
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