Bihar Police: बिहार में पहली बार आईटी (इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) कैडर बनाया जाएगा. इसमें बीटेक, कंप्यूटर साइंस, साइंस और आईटी से पास अधिकारियों व सिपाहियों को शामिल किया जाएगा. इसमें एडीजी, आईजी, डीआईजी, डीएसपी, इंस्पेक्टर, एसआई और सिपाही तक को भी स्थान मिलेगा.
आईटी कैडर के बारे में जानें
प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस में आईटी कैडर एक विशेष कैडर होगा. इसमें वैसे अधिकारियों को शामिल किया जाएगा जिनमें तकनीकी विशेषज्ञता होगी. यह कैडर ऐसे मामलों की जांच, गिरफ्तारी या सजा दिलाएगी जो साइबर अपराधों जैसे वित्तीय फ्रॉड, सोशल मीडिया पर होने वाले अपराध या फिर वैसे अपराध जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल हुआ है. राज्य में जिस तरह एसटीएफ, एटीएस, निगरानी, विशेष निगरानी, ईओयू, बीआईएसएफ, महिला बटालियन, सीआईडी आदि का गठन खास तरह के अपराध की जांच और कार्रवाई के लिए किया गया है ठीक उसी तरह आईटी कैडर बनेगा.
आईटी बैकग्राउंड वाले जल्द समझ सकेंगे
जानकारी मिली है कि आईटी बैकग्राउंड वाले अधिकारियों को कैडर में शामिल करने से जांच में तेजी आएगी. टेक्निकल बैकग्राउंड होने की वजह से उन्हें काम करने में दिलचस्पी बढ़ेगी. वह जल्द ही साइबर के मामलों को समझ लेंगे. साइबर मामले में यह जरूरी है कि आईओ इंस्पेक्टर लेवल का हो. इंस्पेक्टर के नीचे के अधिकारी उन्हें जांच में सहायता करेंगे लेकिन उन्हें भी इंटरनेट या सोशल मीडिया की जानकारी होना जरूरी है.
अलग से बहाली होगी
आने वाले दिनों में इस कैडर के लिए अलग से बहाली होगी. फिलहाल बिहार पुलिस से ही टेक्निकल अधिकारियों को शामिल किया जाएगा.
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क्यों जरूरी है कैडर
इस कैडर का मुख्य मकसद साइबर अपराध की जांच को मजबूत करना है. एक्सपर्ट अफसर नहीं होने से अपराधियों पर नकेल नहीं कसा जा रहा है. आईटी कैडर बनने से फेसबुक, गूगल, इंस्टाग्राम, एक्स, व्हाट्सऐप और अन्य प्लेटफॉर्म से जानकारी लेना आसान होगा. अभी साइबर थानों को डिटेल लेने में परेशानी होती है. धमकी वाले ईमेल केस में भी अपराधी पकड़ से बाहर रह जाते हैं.
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