Indian Railway: उत्तर भारत में तेजी से बढ़ रहा कोहरा अब रेलवे व्यवस्था पर भारी पड़ने लगा है. सुरक्षा के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल सहित कई जोन ने दिसंबर 2024 से फरवरी 2026 तक बड़ी संख्या में रेगुलर और स्पेशल ट्रेनों को रद्द कर दिया है. सिर्फ पूर्व मध्य रेल की 52 रेगुलर ट्रेनें और करीब 46 स्पेशल ट्रेनें अगले तीन महीनों तक नहीं चलेंगी.
इसका सीधा असर यात्रियों की जेब, यात्रा योजनाओं और टिकट उपलब्धता पर पड़ रहा है. कई लोकप्रिय ट्रेनों में AC फर्स्ट और AC थ्री टियर की सीटें लगातार फुल हैं, वहीं 30 दिन बाद भी टिकट वेटिंग में मिल रहा है.
कोहरे ने बढ़ाई मुसीबत- फरवरी 2026 तक 100 से अधिक ट्रेनें रद्द
उत्तर भारत का घना कोहरा हर साल रेल परिचालन पर असर डालता है, लेकिन इस बार स्थिति पहले से अधिक गंभीर दिख रही है. पूर्व मध्य रेल ने 1 दिसंबर से 28 फरवरी 2026 तक 52 रेगुलर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया है. इन ट्रेनों में पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया और अन्य प्रमुख स्टेशनों से खुलने या गुजरने वाली कई अहम ट्रेनें शामिल हैं. पूर्वोत्तर रेलवे और पूर्व रेलवे ने भी फेरे घटाए हैं, जबकि भागलपुर–नवगछिया रूट पर मार्च 2026 तक कई ट्रेनें रद्द की गई हैं.
दिल्ली रूट पर भारी दबाव- तेजस और संपूर्ण क्रांति में वेटिंग बेकाबू
ट्रेनें रद्द होने से सबसे अधिक दबाव पटना–दिल्ली रूट पर है. तेजस राजधानी, संपूर्ण क्रांति, राजधानी, पूर्वा और विक्रमशिला एक्सप्रेस में सीटें लगातार भरी हुई हैं.
AC फर्स्ट में 6 जनवरी तक नो रूम—यानी एक भी सीट खाली नहीं, जबकि AC थ्री टियर में भी लंबी वेटिंग जारी है. यात्रियों का कहना है कि दिसंबर–जनवरी की भीषण ठंड में लंबी दूरी की यात्रा बिना AC कोच के नहीं की जा सकती, पर सीटें फुल होने से यात्राएं टल रही हैं.
स्पेशल ट्रेनों के रद्द होने से बढ़ी यात्रियों की परेशानी
सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि इस बार सिर्फ रेगुलर ट्रेनें ही नहीं, बल्कि स्पेशल ट्रेनें भी बंद की जा रही हैं. मुजफ्फरपुर से चलने वाली 14 स्पेशल ट्रेनों के 52 फेरे रद्द कर दिए गए हैं. ऐसे में यात्रियों के पास विकल्प बेहद सीमित हो गए हैं.
टिकट काउंटरों पर भीड़ बढ़ रही है, पर सीटें उपलब्ध नहीं हैं. कई लोग मजबूरन पहले से बुक टिकट रद्द करा रहे हैं.
सबसे ज्यादा प्रभावित रूट- दिल्ली, अमृतसर, लखनऊ और पूर्वोत्तर
रद्दीकरण का सबसे अधिक असर इन रूटों पर पड़ा है— पटना–दिल्ली, पटना–अमृतसर, पटना–लखनऊ, पटना–गोरखपुर इसके अलावा पूर्वोत्तर, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड की यात्रा भी समस्याग्रस्त हो गई है.
कई ट्रेनों में फिलहाल ‘नो रूम’ की स्थिति है
रेलवे ने सुरक्षा कारणों से कोहरे में ट्रेनों को रद्द किया है, लेकिन लाखों यात्रियों की यात्रा पर संकट खड़ा हो गया है. अनुमान है कि लगभग 45 लाख यात्रियों को वैकल्पिक ट्रेनें या बसों का सहारा लेना पड़ेगा. दिसंबर से फरवरी तक लंबी दूरी की यात्रा यदि जरूरी न हो तो स्थगित करने की सलाह दी जा रही है.

