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बिहार के 9 शहरों में बनेंगे सैटेलाइट टाउनशिप, सरकार ने तैयार की रूपरेखा, अब भू-अर्जन के लिए भेजा जायेगा प्रस्ताव

राजधानी पटना के साथ-साथ सारण, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, गया और पूर्णिया में टाउनशिप विकसित करने के लिए जमीन की पहचान कर ली गई है. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति इसे मंजूरी देगी, जिसके बाद अगले महीने से संबंधित जिलों को जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव भेजा जाएगा

Bihar Township: बिहार के सभी नौ प्रमंडलीय मुख्यालय जिलों में ग्रीनफील्ड और सेटेलाइट टाउनशिप का निर्माण किया जाएगा. राज्य सरकार ने राजधानी पटना के साथ-साथ सारण, भागलपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर (तिरहुत), दरभंगा, सहरसा (कोसी), गया (मगध) और पूर्णिया में सेटेलाइट टाउनशिप विकास की कार्ययोजना तैयार कर ली है. नगर विकास एवं आवास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति सेटेलाइट टाउनशिप के हर पहलू पर गंभीरता से विचार कर रही है. उनकी बैठक में कई महत्वपूर्ण सुझाव मिले हैं, जिसमें प्राप्त विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. उच्चस्तरीय समिति की दूसरी बैठक अगस्त माह में ही प्रस्तावित है. इस बैठक से पहले स्थल चयन को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.

अगले माह जिलों को भू-अर्जन प्रस्ताव भेजने की तैयारी

मिली जानकारी के मुताबिक हर प्रमंडल मुख्यालय के लिए दो से तीन प्रस्ताव पर चर्चा हुई है. उपलब्ध राशि के हिसाब से उनको मंजूरी दी जायेगी. पहले चरण में हर प्रमंडल मुख्यालय वाले जिले से एक-एक टाउनशिप का प्रस्ताव लिया जायेगा. सब कुछ ठीक रहा तो सितंबर से संबंधित चिह्नित जिलों को आवश्यक भू-अर्जन को लेकर प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी.

टाउनशपि परियोजना में प्रमुख सड़क, शाखा सड़क, विक्रय हेतु भूमि, अस्पताल, विद्यालय आदि के लिए अलग-अलग भूमि का प्रावधान किया जायेगा. अधिकारी के मुताबिक इलाके के सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित विकास को लेकर इन क्षेत्रों के प्लानिंग, रेगुलेशन और जोनिंग निर्धारण का कार्य अलग से किया जायेगा.

चिह्नित बड़े भूखंडों के मात्र 10 फीसदी हिस्से का ही अधिग्रहण करेगी सरकार

राज्य सरकार द्वारा किये गये प्रावधान के मुताबिक सैटेलाइट और ग्रीनफील्ड टाउनशिप के लिए चिह्नित बड़े भूखंडों के मात्र 10 फीसदी हिस्से का ही राज्य सरकार अधिग्रहण करेगी. अधिग्रहित हिस्से में अलग-अलग चौड़ाई की सड़कों, ड्रेनेज एवं सिवरेज, पार्क सहित अन्य नागरिक सुविधाओं का विकास किया जायेगा. टाउनशिप विकसित होने पर उस क्षेत्र के एमवीआर दर में बढ़ोतरी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शुल्क लागू कर और सड़कों के किनारे अर्जित भूखंडों का विकास और बिक्री कर सरकार अधिग्रहण और निर्माण में आने वाली लागत की भरपाई कर लेगी. इससे बिना अधिक लागत राज्य सरकार सभी बड़े शहरों के आस-पास व्यवस्थित टाउनशिप का विकास कर सकेगी.

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टाउनशिप के विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित

टाउनशिप को लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित भूमि चयन समिति में नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव सदस्य सचिव बनाये गये हैं. इनके साथ ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पथ निर्माण विभाग और उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रधान सचिव को भी समिति का सदस्य बनाया गया है.

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