Flight Ticket Price Diwali: त्योहारों का मौसम आते ही बिहार आने वाली फ्लाइट्स का किराया हर साल बढ़ता है, लेकिन इस बार स्थिति हद से ज्यादा चौंकाने वाली है. दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और हैदराबाद जैसे शहरों से पटना की फ्लाइट्स का किराया कई गुना बढ़ चुका है. दशहरा पर जहां किराया सामान्य से दोगुना है, वहीं दिवाली के दौरान यह छह गुना तक पहुंच गया है.
एयरलाइंस मांग बढ़ने का फायदा उठाकर टिकट की कीमतें रॉकेट की तरह ऊपर ले जा रही हैं. घर आने की चाहत और त्योहार की भीड़ में यात्री मजबूरी में जेब ढीली कर रहे हैं.
दिल्ली से पटना: दिवाली पर तीन गुना किराया
देश की राजधानी से बिहार की राजधानी तक का सफर सामान्य दिनों में अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है. औसतन दिल्ली-पटना का किराया 4 हजार रुपये के आसपास रहता है. लेकिन दशहरा-दिवाली की भीड़ में यह तीन गुना से ज्यादा महंगा हो चुका है.
1 अक्टूबर को किराया 5638 रुपये से लेकर 8521 रुपये के बीच रहा, जबकि दशहरा यानी 2 अक्टूबर को किराया थोड़ा कम होकर 4506 रुपये से 8364 रुपये तक रहा.
दिवाली के आसपास यह तस्वीर पूरी तरह बदल जाती है. 17 अक्टूबर को किराया 19 हजार तक पहुंच जाता है. 18 अक्टूबर को यह 15 हजार से 24 हजार के बीच है, और 19 अक्टूबर को किराया 11 हजार से 20 हजार के बीच बना हुआ है.
मुंबई से पटना: टिकट की कीमत से दहला सफर
मुंबई से पटना आने वाले यात्रियों की जेब पर इस बार सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है. सामान्य दिनों में यहां से किराया लगभग 7 हजार रुपये रहता है, लेकिन त्योहारों में यह 20 से 30 हजार के बीच पहुंच चुका है.
1 अक्टूबर को जहां केवल एक फ्लाइट 20 हजार रुपये में उपलब्ध रही, 2 अक्टूबर को किराया 14 हजार से 24 हजार तक हो गया. दिवाली के समय यानी 18 अक्टूबर को मुंबई-पटना का किराया 18 हजार से लेकर 31 हजार रुपये तक पहुंच गया. 19 अक्टूबर को भी स्थिति वैसी ही है.
अहमदाबाद से पटना: बेमिसाल उछाल
अहमदाबाद से पटना की सीधी फ्लाइट नहीं है, लेकिन कनेक्टिंग फ्लाइट्स के दाम इस बार रिकार्ड तोड़ रहे हैं. सामान्य दिनों में इस रूट का किराया करीब 6500 रुपये होता है, लेकिन 18 और 19 अक्टूबर को यह 13 हजार से 33 हजार रुपये के बीच जा चुका है. त्योहारों में घर लौटने वाले लोगों की भीड़ इस मार्ग को भी महंगा बना रही है.
हैदराबाद से पटना: दिवाली में चौंकाने वाली उड़ान
हैदराबाद से पटना का सामान्य किराया लगभग 6300 रुपये रहता है. दशहरे पर यहां से सीधी फ्लाइट उपलब्ध है और 1-2 अक्टूबर को किराया 6400 से 8576 रुपये तक है. लेकिन दिवाली पर यही किराया पांच गुना तक पहुंच जाता है. 17 नवंबर से किराया 9 हजार से शुरू होकर 20 हजार तक पहुंच जाता है. 18 नवंबर को सबसे ज्यादा किराया दर्ज किया गया, जो 11,461 रुपये से लेकर 23 हजार रुपये तक है.
एयरलाइंस की रणनीति और यात्रियों की मजबूरी
त्योहारों पर बिहार की ओर यात्रियों का सैलाब उमड़ता है. यही वजह है कि एयरलाइंस कंपनियां मांग को भुनाने से पीछे नहीं हटतीं. दशहरा और दिवाली के समय टिकट पहले ही बुक कर लेने पर भी महंगे मिलते हैं, जबकि आखिरी समय पर तो स्थिति और कठिन हो जाती है.
बिहार में ज्यादातर लोग दिवाली-छठ पर घर लौटना चाहते हैं. रेलों में भीड़ और वेटिंग टिकट की वजह से बड़ी संख्या में लोग हवाई सफर चुनते हैं. नतीजा यह होता है कि एयरलाइंस किराया सामान्य दर से कई गुना बढ़ा देती हैं.
त्योहार की खुशी या जेब पर बोझ?
त्योहारों का मकसद अपने परिवार के साथ समय बिताना और घर लौटना है. फ्लाइट किराए की यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है. क्या एयरलाइंस के लिए त्योहार केवल मुनाफा कमाने का मौका हैं? क्या यात्रियों की जेब काटने पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस नीति नहीं होनी चाहिए? रेलवे की तरह हवाई किराए पर भी नियंत्रण की मांग लगातार उठ रही है.
फिलहाल, बिहार लौटने वालों के लिए विकल्प सीमित हैं—या तो जेब ढीली कर फ्लाइट लें या फिर रेल और बसों की भीड़ का सामना करें.
Also Read:Patana Ravan Dahan : गांधी मैदान में उमड़ेगी भीड़, ट्रैफिक प्लान न समझे तो फंस जाएंगे जाम में

