Voters Missing: पटना, प्रमोद झा. पटना जिले में 90 साल से अधिक आयु के वोटरों का सत्यापन एप के माध्यम से हो रहा है. 90 साल से अधिक उम्र के वोटरों की फाइनल सूची 26 फरवरी तक जारी होगी. बीएलओ द्वारा जिले की वोटर लिस्ट में 28690 वोटरों का सत्यापन किया जा रहा है. जानकारों के अनुसार बीएलओ ने 90 साल से अधिक आयु के लगभग 11 हजार वोटरों का फॉर्म-7 जमा किया है. इससे साबित हो रहा है कि 90 साल से अधिक उम्र के इतने वोटर नहीं हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि इनकी मृत्यु हो चुकी है. इस संबंध में बीएलओ की तहकीकात करने पर उनके परिजनों ने यह जानकारी दी है.
कम हो सकती है 16 हजार वोटरों की संख्या
बताया जाता है कि सत्यापन के दौरान लगभग पांच हजार वोटरों की उम्र 90 साल से कम होने की जानकारी मिली है. वोटर कार्ड बनाने के समय आयु गलत दर्ज हुई थी. आधार कार्ड से मिलान के बाद वोटर कार्ड में अधिक उम्र दर्ज है. सूत्र ने बताया कि 25 फरवरी तक सत्यापन होगा, जिसके बाद 90 साल से अधिक उम्र के लगभग 16 हजार वोटरों की संख्या में कमी होने का अनुमान है. हालांकि फाइनल लिस्ट 26 फरवरी को जारी होने की संभावना है. इससे 90 साल से अधिक उम्र के वास्तविक वोटरों के बारे में पता चलेगा. ऐसे सत्यापन के बाद लगभग 12 हजार वोटर रह जायेंगे.
मतदाता सूची एक अप्रैल के आधार पर की जायेगी जारी
बिहार में इस वर्ष विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव के पहले इस साल की मतदाता सूची का पहला अपडेशन पहली अप्रैल के आधार पर जारी किया जायेगा. नयी मतदाता सूची में एक अप्रैल को 18 वर्ष आयु पूरा करनेवाले मतदाताओं का नाम शामिल होगा. एक अप्रैल के बाद 17 वर्ष पूरा करने वाले मतदाताओं के आवेदन पत्र स्वीकार किये जा रहे हैं. इस आधार पर नयी मतदाता सूची को अपडेट कर दिया जायेगा. इधर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद 90 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के सभी मतदाताओं का सत्यापन का काम भी सभी जिलों में प्रारंभ किया जा चुका है.
90 से 99 वर्ष तक के 284240 है मतदाता
राज्य में तीन लाख 25 हजार 231 मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में शामिल किये गये हैं. इसमें 90-99 वर्ष के 284240 मतदाता हैं तो 100-109 वर्ष के 40601 मतदाता है. राज्य की मतदाता सूची में 110-119 वर्ष के कुल मतदाताओं की संख्या 247 है, जबकि 120 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 143 है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि 90 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं का सत्यापन कराया जा रहा है. इसमें यह देखा जायेगा कि कितने मतदाता जीवित हैं और जिन मतदाताओं की मृत्यु हो गयी है, उनका नाम सूची से हटाया जायेगा.
हर माह इवीएम का निरीक्षण कर रहे हैं जिलाधिकारी
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद राज्य के सभी जिलों के वज्रगृह में रखी गयी इवीएम का जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी द्वारा हर माह निरीक्षण किया जा रहा है. जिलाधिकारियों को यह निर्देश है कि जहां पर भी इवीएम का भंडारण किया गया है, उस भवन की स्थित की जांच करें. इसके अलावा हर तीन माह में उस भवन के अंदर निरीक्षण करना है कि कहीं भवन की छत खराब तो नहीं है, कहीं से इवीएम को नुकसान तो नहीं पहुंच रहा है.
Also Read: बिहार सरकार को सर्वे में मिली 17.86 लाख एकड़ बेलगानी जमीन, अधिकतर पर है लोगों का कब्जा