Driving License: लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का ऑनलाइन टेस्ट देते समय बहुत सावधान रहने की जरूरत है. जानकारी के अनुसार प्रश्न का जवाब देते समय आवेदक के अलावा किसी दूसरे व्यक्ति की आवाज या शरीर का कोई भी अंग वीडियो में दिखने के बाद आवेदन रद्द हो जाएगा.
गड़बड़ी मिलने पर आवेदन को सिस्टम करेगा रिजेक्ट
उक्त आवेदन को कोई अधिकारी नहीं, बल्कि सिस्टम ही रिजेक्ट कर देगा. जानकारी मिली है कि सॉफ्टवेयर को इसी तरह से तैयार किया गया है. अगर ऐसा होता है तो फिर से स्लॉट बुक करना पड़ेगा. पटना समेत राज्य के सभी जिलों में लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू हो चुकी है. टेस्ट में पूछे जाने वाले यातायात नियमों से संबंधित तमाम सवालों की लिस्ट विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
ऑनलाइन टेस्ट की भी है सुविधा
वर्तमान में रोजाना करीब 40 प्रतिशत लोग ऑनलाइन टेस्ट देने के लिए आवेदन कर रहे हैं. वहीं, करीब 60 प्रतिशत लोग डीटीओ कार्यालय आकर टेस्ट दे रहे हैं. किसी आवेदक को अगर डीटीओ कार्यालय आने में परेशानी है तो वह ऑनलाइन टेस्ट दे सकता है. इसके बाद सॉफ्टवेयर ही टेस्ट देने वाले को पास या फेल करेगा.
फेल होने पर एक सप्ताह का समय
टेस्टिंग में आवेदक को एक मौका मिलेगा. सॉफ्टवेयर अगर कोई क्लॉज लगाकर आवेदक को फेल करता है तो फिर से टेस्ट के लिए शुल्क के साथ आवेदन करना होगा. एक बार फेल होते हैं तो फिर एक सप्ताह बाद दोबारा आवेदन कर सकते हैं. इसका सॉफ्टवेयर इतना अत्याधुनिक है कि आवेदक जब टेस्ट दे रहा होता है तो छोटी-सी गलती को भी वह पकड़ लेता है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आवेदन में गलती की जवाबदेही आवेदक की
बता दें कि नई व्यवस्था के तहत आवेदन में कोई गलती होती है तो उसकी जवाबदेही आवेदक की होगी. लाइसेंस बनवाने में आवेदक कई बार गलत इंट्री की शिकायत करते थे, लेकिन अब पूरा काम आवेदक को स्वयं करना है. अगर उनके आवेदन में किसी तरह की गलती होती है तो उसकी जवाबदेही खुद आवेदक की ही होगी.
इसे भी पढ़ें: गयाजी से दिल्ली के लिए इस दिन से दौड़ेगी अमृत भारत, इन स्टेशनों पर होगा स्टॉपेज..टाइम टेबल हुआ जारी

