Bihar Politics: लंबे समय से टल रही बीजेपी प्रदेश परिषद की बैठक को आखिरकार केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी मिल गई है. 4 मार्च को पटना के बापू सभागार में बैठक होगी. जिसमें दिलीप जायसवाल को औपचारिक रूप से प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. उनके मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बाद अब संगठन में असमंजस की स्थिति खत्म हो गई है.
एक व्यक्ति, एक पद सिद्धांत के तहत इस्तीफा
बीजेपी की केंद्रीय इकाई ने ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत के तहत दिलीप जायसवाल पर मंत्रिमंडल से इस्तीफे का दबाव बनाया था. बुधवार को उन्होंने पद छोड़ दिया, जिससे अब उनकी पूर्णकालिक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में ताजपोशी का रास्ता साफ हो गया है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह फैसला संगठन को और मजबूत करने की दिशा में लिया गया है.
बैठक में मनोहर लाल खट्टर हो सकते हैं पर्यवेक्षक
इससे पहले 19 जनवरी को बैठक होनी थी, लेकिन बार-बार स्थगित होती रही. अब केंद्र ने 4 मार्च की तारीख तय कर दी है और संभावना है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक बार फिर पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद रहेंगे. उनकी देखरेख में बैठक होगी, जिसमें दिलीप जायसवाल के नाम पर औपचारिक मुहर लगाई जाएगी.
राजनीतिक जानकारों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी के भीतर जो असमंजस की स्थिति थी, वह अब खत्म हो गई है. जायसवाल ने संगठन के नियमों का पालन करते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दिया, जिससे पार्टी की केंद्रीय इकाई को भी स्पष्ट संदेश मिल गया. अब संगठनात्मक मजबूती पर ध्यान दिया जाएगा और नए अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ेगी.
बीजेपी के लिए बड़ा संगठनात्मक बदलाव
इस राज्य परिषद की बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी शामिल होंगे. बैठक में आगामी चुनावी रणनीति, संगठन विस्तार और पार्टी की नई नीतियों पर भी चर्चा की जाएगी. दिलीप जायसवाल की ताजपोशी से पार्टी को नए नेतृत्व में मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों के लिए संगठन को नया दिशा-निर्देश मिलेगा.
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