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पटना में जल्द ही मिलने लगेगी डिजिटल करेंसी, स्टेट बैंक सहित अन्य तीन बैंकों को किया गया शामिल

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव ने डीएन त्रिवेदी ने बताया कि डिजिटल करेंसी का उपयोग किसी भी तरह के पेमेंट के लिए किया जा सकता है. यह करेंसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में दिखेगी, जिसे करेंसी नोट से बदला जा सकता है.

सुबोध कुमार नंदन, पटना: जल्द ही पटना में स्टेट बैंक सहित अन्य बैंकों से डिजिटल करेंसी लोगों को मिलेगी. रिजर्व बैंक ने छोटी संख्या के साथ एक डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. प्रोजेक्ट के दो चरणों के कार्यान्वयन में भाग लेने के लिए रिजर्व बैंक ने आठ बैंकों को चुना है. पहले चरण में स्टेट बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, यस बैंक और आइडीएफसी फर्स्ट बैंक देश भर के चार अलग-अलग स्थानों से भाग लेंगे. मिली जानकारी के अनुसार मुंबई, नयी दिल्ली, गंगटोक, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, पटना, लखनऊ, शिमला, हैदराबाद, इंदौर, अहमदाबाद और कोच्चि को पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में शामिल किया जायेगा.

स्टेट बैंक सहित अन्य तीन बैंकों को किया गया शामिल

मिली जानकारी के अनुसार डिजिटल करेंसी सर्विस पहले चरण में स्टेट बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, यस बैंक की मुख्य शाखा के अलावा बैंकों की चुनिंदा शाखाओं में भी उपलब्ध होगी. सीबीडीसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है.

कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय हो सकेगा

आरबीआइ के अनुसार यह कागजी मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा. केवल इसका रूप अलग है. साधारण शब्दों में कहें, तो यह डिजिटल करेंसी या डिजिटल रूपी आरबीआइ द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी करेंसी नोट्स हैं. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में मौजूद रुपये को कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल किया जा सकता है.

दो तरह की होगी करेंसी

भारत में डिजिटल करेंसी दो तरह की होगी. रिटेल सीबीडीसी और होलसेल सीबीडीसी. रिटेल सीबीडीसी संभवतः सभी के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी, जबकि होलसेल सीबीडीसी का उपयोग चुनिंदा वित्तीय संस्थानों के लिए होगा. रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी को उसी तरह वितरित करेंगे. जैसे वे भौतिक मुद्रा के वितरण के लिए उपयोग करते हैं. लोगों को जेब में कैश लेकर की जरूरत नहीं रहेगी, मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी. डिजिटल रुपये को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे. इ-रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा. इ-रुपी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी.

लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी नहीं रहेगी

रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी इ-रुपी के नुकसान की अगर बात करें, तो एक बड़ा नुकसान यह हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी नहीं रहेगी. आम तौर पर कैश में लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल ट्रांजेक्शन सरकार की निगरानी में रहेगा. ऐसे में कुछ लोगों के लिए ये परेशानी का सबब बन सकता है.

किसी भी तरह के पेमेंट के लिए होगा यूज

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव ने डीएन त्रिवेदी ने बताया कि डिजिटल करेंसी का उपयोग किसी भी तरह के पेमेंट के लिए किया जा सकता है. यह करेंसी इलेक्ट्रॉनिक रूप में दिखेगी, जिसे करेंसी नोट से बदला जा सकता है. जिस प्रकार हम ऑनलाइन अपना बैंक अकाउंट बैलेंस या मोबाइल वॉलेट चेक करते हैं, उसी तरह हम इ-रुपी भी चेक कर सकेंगे और उसका उपयोग कर सकेंगे.

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