Danapur Bihta Road: दानापुर से दानापुर कैंट होते हुए बिहटा तक बनने वाली 22 किलोमीटर लंबी सड़क को चौड़ा करने की तैयारी अंतिम चरण में है. पटना पश्चिम पथ प्रमंडल ने परियोजना से संबंधित प्रक्रिया शुरू कर दी है. तय समय पर काम हुआ तो जनवरी 2028 तक 10 मीटर चौड़ी यह सड़क आम लोगों के लिए खुल जाएगी.
कुल 87.67 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना न केवल वाहनों के दबाव को संभालेगी, बल्कि पटना रिंग रोड और जेपी गंगा पथ विस्तार को भी मजबूत कनेक्टिविटी देगी.
सड़क चौड़ीकरण क्यों जरूरी था?
बिहटा में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण जारी है और दानापुर–बिहटा एलिवेटेड रोड भी आकार ले रहा है. ऐसे में दानापुर से शहर की ओर आने-जाने वाले वाहनों का दबाव कई गुना बढ़ने वाला है. वर्तमान में यह सड़क मात्र सात मीटर चौड़ी है, जिससे ट्रैफिक जाम, ओवरलोड और दुर्घटना जैसी चुनौतियां बढ़ती रही हैं. बढ़ते दबाव को देखते हुए सड़क को चौड़ा करना अब अनिवार्य माना जा रहा था.
14 मीटर की जगह 10 मीटर चौड़ा क्यों किया गया?
शुरुआती प्रस्ताव था कि सड़क को फोरलेन यानी 14 मीटर चौड़ा बनाया जाए. लेकिन इस मार्ग पर दोनों ओर भारी संख्या में पेड़ हैं. फोरलेन बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई करनी पड़ती, जिसे लेकर आपत्ति और पर्यावरणीय बाधाएं सामने आतीं. इसी कारण चौड़ाई को 10 मीटर तक सीमित करने का निर्णय लिया गया.
तीन मीटर की यह अतिरिक्त चौड़ाई मौजूदा सात मीटर सड़क को अधिक सुगम और सुरक्षित बना देगी. विभाग के अनुसार, इस विस्तार के लिए सड़क किनारे पर्याप्त सरकारी जमीन उपलब्ध है, जिससे भूमि अधिग्रहण की जरूरत नहीं पड़ेगी.
डीपीआर तैयार, अब टेंडर प्रक्रिया तेजी पर
सड़क चौड़ीकरण का डीपीआर तैयार हो चुका है. अब निर्माण एजेंसी के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 26 दिसंबर 2025 को प्री-बिड बैठक होगी, जबकि दो जनवरी 2026 तक टेंडर दाखिल किए जाएंगे. इसी दिन टेक्निकल बिड खुलेगी और 12 जनवरी 2026 को फाइनेंशियल बिड के बाद एजेंसी का अंतिम चयन कर लिया जाएगा. चयनित कंपनी को दो साल की निर्धारित समयसीमा में सड़क निर्माण पूरा करना होगा.
कनेक्टिविटी मजबूत होगी, ट्रैफिक सुगम बनेगा
नई सड़क पटना शहर को आरा, बक्सर, बिहटा, मनेर और दानापुर जैसे क्षेत्रों से तेज और सुरक्षित कनेक्टिविटी देगी. साथ ही रिंग रोड और जेपी गंगा पथ से इसका लिंक पूरा होने पर यह क्षेत्र राजधानी के प्रमुख विकास गलियारे में बदल जाएगा. स्थानीय लोगों को रोजमर्रा की यात्रा में सुगमता मिलेगी और व्यावसायिक ट्रैफिक भी सहज रूप से चल सकेगा.

