संवाददाता, पटना गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व विधायक जिग्नेश मेवाणी ने शनिवार को पटना में कहा कि न्यायपालिका व कार्यपालिका में दलित, पिछड़े आदिवासियों की भागीदारी नगण्य है. शनिवार को सदाकत आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि बिहार में जातिगत गणना का लाभ नहीं मिला है. सरकार दलितों और पिछड़ों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाना चाहती, तो इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में जरूर शामिल करा लेती. जिग्नेश ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो तेलंगाना की तर्ज पर बिहार में भी जाति आधारित गणना करायी जायेगी. इससे दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को उनका वाजिब हक मिलेगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय में सचिव स्तर पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की मात्र छह फीसदी अधिकारी है. फिल्म और मनोरंजन सेक्टर में भी मात्र सात प्रतिशत लोग हैं. केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार और उनके सहयोगी दल जाति गणना नहीं कराना चाहते.
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