संवाददाता, पटना बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बिहार सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) परीक्षा में धांधली करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है़ आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने इस मामले में मास्टरमाइंड रवि भूषण और उसके करीबी सहयोगी शशिरंजन उर्फ हैप्पी को गिरफ्तार कर इसका खुलासा किया है. दोनों के पास से तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं. बरामद मोबाइल की जांच के बाद चौंकाने वाली जानकारी सामने आ सकती है. दोनों, प्रोक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन का उपयोग करके परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया था. वहीं, बिहार राज्य स्वास्थ्य सोसाइटी ने सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) की नियुक्ति के लिए 4500 रिक्तियों के लिए जारी गयी अधिसूचना को मंगलवार को निरस्त कर दिया गया. एक और दो दिसंबर को आयोजित परीक्षा धांधली के चलते निरस्त कर दी गयी थी. ईओयू ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि रवि भूषण के गिरोह की परीक्षा केंद्रों के संचालकों और परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी के साथ मिलीभगत की थी. राज्य के 12 ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसी ‘वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड’ और केंद्र संचालकों के साथ मिलकर पूरी परीक्षा को मैनेज कर लिया था. परीक्षार्थियों से 4-5 लाख रुपये लेकर उनके कंप्यूटरों का रिमोट एक्सेस लिया गया. इसके बाद प्रॉक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस एप्लिकेशन के जरिये सॉल्वर गैंग ने उनकी ओर से उत्तर लिखे़ अब तक इस मामले में 40 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा मामले की गहन जांच जारी है. ऐसा माना जा रहा है कि इस घोटाले की जड़ें और भी गहरी हैं और आने वाले समय में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं. 2017 से सक्रिय था मास्टरमाइंड रवि भूषण मुख्य आरोपी रवि भूषण, निवासी मुबारकपुर, थाना-बेन, जिला नालंदा वर्ष 2017 से ही ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के लिए मानव बल उपलब्ध कराने का काम कर रहा था. उसने पटना बाइपास स्थित जकरियापुर के गैलेक्सी ऑनलाइन सेंटर से अपना यह काम शुरू किया था. बाद में वह खुद परीक्षा केंद्रों को मैनेज करने लगा और पूरे सेटअप का संचालन करने लगा. दिल्ली-मुंबई तक फैलाया नेटवर्क जांच में यह भी सामने आया है कि रवि भूषण और उसके भाई अवध भूषण व भरत भूषण ने मिलकर कई अन्य परीक्षाओं में भी गड़बड़ी करने की कोशिश की थी. इसके लिए उन्होंने दिल्ली और मुंबई में भी अपना नेटवर्क फैला लिया था. उन्होंने एम/एस ब्रांसाइज टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी भी बनाई, जो ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित करती थी. यह कंपनी मुंबई में पंजीकृत है. दिसंबर 2024 में इस कंपनी को एम्स, मंगलगिरि (आंध्र प्रदेश) में होने वाली भर्ती परीक्षा का टेंडर भी मिला था. लेकिन जब बिहार में सीएचओ परीक्षा घोटाले में रवि भूषण का नाम सामने आया तो एम्स की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. पूछताछ में उगले कई राज मुख्य सरगना रवि भूषण, पिता चंद्रभूषण प्रसाद, निवासी मुबारकपुर, थाना-बेन, जिला नालंदा को पकड़ने के लिए विशेष जांच दल (विशेष टीम) की टीम कई स्थानों पर छापेमारी कर रही थी. 7 अप्रैल की रात पटना के भागवतनगर क्षेत्र से रवि भूषण को उसके सहयोगी शशिरंजन उर्फ हैप्पी, पिता मदन प्रसाद, निवासी बेसौर, थाना रहुई, जिला नालंदा के साथ गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के दौरान रवि भूषण ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. उसने बताया कि उसने आदित्य कुमार, अपने भाइयों अवध भूषण और भरत भूषण तथा अन्य साथियों के साथ मिलकर कई ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों के संचालकों और कर्मचारियों को मोटी रकम देकर उन्हें अपने षड्यंत्र में शामिल किया था. रवि और शशिरंजन ने ही प्रॉक्सी सर्वर तैयार किया, उसे मुख्य सर्वर से जोड़ा और चयनित परीक्षार्थियों के कंप्यूटरों को अलग से जोड़कर प्रश्नों को हल करवाया. सीएचओ परीक्षा फर्जीवाड़ा: मुख्य बिंदु – गिरफ्तार आरोपी: रवि भूषण और शशिरंजन उर्फ हैप्पी गिरोह के मुख्य सदस्य हैं. – आरोपियों ने प्रोक्सी सर्वर और रिमोट एक्सेस एप्लीकेशन का उपयोग करके परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया – आरोपियों ने परीक्षा केंद्रों के संचालकों और परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी के साथ मिलीभगत की थी. – परीक्षार्थियों से 4-5 लाख रुपये की डील की – कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर सॉल्वर गैंग के सहयोग से परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया. – इस मामले में अब तक 40 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच जारी है़
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