Bihar School: बिहार सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. 1 अप्रैल से सरकारी स्कूलों के विकास से जुड़े सभी कार्यों की जिम्मेदारी बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (BSEIDC) को सौंप दी जाएगी. इस बदलाव से जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) अब सिर्फ स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान देंगे.
अब BSEIDC संभालेगा निर्माण और खरीदारी का काम
अब तक स्कूलों के भवन निर्माण, बेंच-डेस्क खरीदने और अन्य विकास कार्यों की जिम्मेदारी कई एजेंसियों और अधिकारियों के बीच बंटी हुई थी. कहीं स्कूल के प्रधानाध्यापक काम देख रहे थे, तो कहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी, बिहार राज्य शिक्षा परियोजना, जिला परिषद या लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग. इससे कार्यों में समन्वय की कमी थी और गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी. अब इस पूरे सिस्टम को एक ही एजेंसी BSEIDC के अधीन कर दिया गया है.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मिलेगा ज्यादा समय
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के मुताबिक, अभी तक जिलास्तरीय अधिकारियों को विकास कार्यों में उलझना पड़ता था, जिससे वे स्कूलों में शिक्षण कार्य की निगरानी नहीं कर पा रहे थे. नए फैसले के बाद वे पूरी तरह से शिक्षा व्यवस्था को सुधारने पर फोकस कर सकेंगे.
स्कूलों में विकास कार्यों की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर
अब तक 50 लाख रुपये तक की योजनाओं को जिला शिक्षा अधिकारी ही मंजूरी देते थे, जिससे एक ही स्कूल में कई एजेंसियां काम करती थीं और समेकित विकास नहीं हो पाता था. नए सिस्टम में विकास कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा और ठेकेदारों के बीच बेहतर समन्वय रहेगा.
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क्या बदलेगा नए फैसले के बाद?
- जिला शिक्षा पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अब सिर्फ स्कूलों की पढ़ाई और प्रशासनिक कार्यों पर ध्यान देंगे.
- सरकारी स्कूलों के सभी विकास कार्यों की जिम्मेदारी अब केवल BSEIDC के पास होगी.
- स्कूलों में पढ़ाई का सही तरीके से निरीक्षण हो सकेगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी.
- ठेकेदारों के बंटे-बंटाए काम की समस्या खत्म होगी और सभी निर्माण कार्य एक ही एजेंसी के तहत होंगे.