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Bihar Tourism: पर्यटन विभाग के नक्शे से गायब हुआ जहानाबाद, दो बार दिखा भोजपुर, मचा हंगामा

Bihar Tourism: सोचिए, अगर किसी राज्य का आधिकारिक नक्शा ही अधूरा निकल जाए, तो लोगों की प्रतिक्रिया कैसी होगी? बिहार में यही हुआ. पर्यटन विभाग द्वारा जारी एक नक्शे ने सोशल मीडिया पर हंगामा खड़ा कर दिया है.

Bihar Tourism: बिहार पर्यटन विभाग का नया नक्शा इन दिनों चर्चा में है. वजह इसकी खूबसूरती या आकर्षक डिजाइन नहीं, बल्कि उसमें की गई बड़ी गलती है.

नक्शे से पटना और गया के बीच स्थित जहानाबाद जिला पूरी तरह गायब है, जबकि भोजपुर जिले का नाम दो बार लिखा गया है. यह भूल इतनी बड़ी है कि अब विभाग की कार्यशैली और संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं.

नक्शे में बड़ी चूक

पर्यटन विभाग ने हाल ही में एक नक्शा साझा किया था. इसका उद्देश्य था—बिहार की भाषाई विविधता को दिखाना. नक्शे में बताया गया कि किस इलाके में कौन-सी भाषा प्रमुखता से बोली जाती है. लेकिन इस नक्शे में जहानाबाद का कहीं जिक्र नहीं था. इसके विपरीत भोजपुर को दो जगह दर्ज कर दिया गया.

यानी, एक जिला पूरी तरह गायब और दूसरे का नाम दो बार! ऐसी गलती आम लोगों की नजर से बच नहीं सकी और यह नक्शा तुरंत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

किस भाषा क्षेत्र का नक्शा था यह?

विभाग ने नक्शे में बिहार के भाषाई क्षेत्र बांटे थे—

भोजपुरी क्षेत्र: चंपारण, सिवान, बक्सर, सारण, भोजपुर, कैमूर, रोहतास

बज्जिका क्षेत्र: सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, वैशाली

अंगिका क्षेत्र: बांका, मुंगेर, भागलपुर

मैथिली क्षेत्र: मधुबनी, दरभंगा, कटिहार, समस्तीपुर, सहरसा

मगही क्षेत्र: पटना, अरवल, नालंदा, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, गया, और औरंगाबाद

लेकिन जहानाबाद, जो पटना और गया के बीच स्थित है और मगही क्षेत्र का हिस्सा है, उसका नाम गायब रहा।

सोशल मीडिया पर बवाल

नक्शा सामने आते ही सोशल मीडिया यूजर्स ने विभाग को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. कुछ यूजर्स ने इसे विभाग की लापरवाही बताया. कईयों ने तंज कसा कि “क्या विभाग को बिहार के जिलों की गिनती तक मालूम नहीं?” वहीं, कुछ ने इसे भ्रष्टाचार और लापरवाह रवैये से जोड़ दिया.

एक यूजर ने लिखा—“पर्यटन विभाग को ही अपने राज्य का नक्शा ठीक से नहीं पता, तो वो पर्यटकों को क्या जानकारी देगा?”

विभाग की छवि पर सवाल

यह गलती केवल तकनीकी नहीं, बल्कि विभाग की छवि को भी धक्का पहुंचाने वाली है. पर्यटन विभाग का मकसद था बिहार की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को उजागर करना. लेकिन नक्शे की इस ग़लती ने पूरे प्रयास पर पानी फेर दिया.

बिहार, जो अपनी भाषा और संस्कृति की विविधता के लिए पहचाना जाता है, उसके बारे में गलत जानकारी फैलाना गंभीर मामला है. इससे न केवल लोगों में भ्रम फैला, बल्कि विभाग की विश्वसनीयता भी घटती दिखी. लोगों की मांग है कि विभाग तुरंत अपनी गलती स्वीकार करे और सही नक्शा जारी करे. इससे न सिर्फ सच्चाई सामने आएगी, बल्कि जनता का भरोसा भी कायम रहेगा.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद.

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