Bihar Teacher Transfer: बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है. इस बीच शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा, विभाग की तरफ से बनायी गयी तबादले की गाइडलाइन पूरी तरह पारदर्शी है. तबादले में ज्यादातर शिक्षकों का पूरा ख्याल रखा गया है. तबादले स्कूल की जरूरत के हिसाब से किये गये. इसकी प्रकिया पूरी तरह पारदर्शी रही. हालांकि, तबादले के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना होता है. इसका ख्याल रखा गया.
‘दूरदराज के स्कूलों में ट्रांसफर जरूरी’
उन्होंने यह भी बताया कि दूरदराज के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य है. इसलिए वहां भी शिक्षक रखे गये. तबादले करते समय यह भी ध्यान रखा गया कि स्टूडेंट-टीचर का अनुपात भी न गड़बड़ाए. शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा सीएम ने निर्देश दिये हैं कि सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स की जरूरतें पूरी की जाये. समय पर परीक्षा करायी जाये. विभाग उच्च शिक्षा की दशा सुधारने के लिये बड़ा कदम उठा रहा है. यूनिवर्सिटी के सेशन टाइम पर करने की कोशिश की जा रही है.
दिसंबर महीने में ही होगी पोस्टिंग
इससे पहले भी खबर आई थी कि करीब 22 हजार 732 शिक्षकों को 31 दिसंबर तक नई पोस्टिंग मिल जायेगी. अलग-अलग फेज में शिक्षकों की पोस्टिंग को लेकर ऑर्डर दिए जायेंगे. इसकी प्रक्रिया 16 दिसंबर से ही शुरू हो जायेगी. नई पोस्टिंग मिलने के बाद शिक्षकों को तय समय सीमा के अंदर ही स्कूल ज्वाइन करना होगा. इस तरह से सरकार के इस फैसले को नये साल का तोहफा माना जा रहा है.
बिहार के इन शिक्षकों को दिया गया था मौका
जानकारी के मुताबिक, नई पोस्टिंग के लिये टीआरई-1 और टीआरई-2 के शिक्षकों को मौका दिया गया था. शिक्षकों से तीन जिलों का ऑप्शन मांगा गया था. जिसके बाद लगभग 41 हजार 684 शिक्षकों ने आवेदन किया था. इस तरह से शिक्षकों के महीनों का इंतजार अब जल्द ही खत्म होने वाला है. दिसंबर में ही शिक्षकों को उनका नया स्कूल मिल सकता है.

