Bihar Police News: बिहार को क्राइम फ्री स्टेट बनाने के लिए बिहार पुलिस इनोवेशन के साथ-साथ समय पर वारदात के खुलासे की दिशा में आगे बढ़ने जा रही है. डीजीपी विनय कुमार की रणनीति है कि जिस तरह डायल 112 का रिस्पांस टाइम 14 मिनट हो गया है, उसी तरह किसी भी वारदात के खुलासे का भी एक औसत टाइम तय कर दिया जाये और यह समय सीमा 48 घंटे की हो सकती है.
बिहार पुलिस के लिये चुनौती भरा लक्ष्य
पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती भरा लक्ष्य है. हाल के दिनों में पुलिस ने कई वारदातों का खुलासा 24 घंटे में किया है लेकिन कुछ वारदात ऐसे भी हैं, जिनका खुलासा करने के लिए पुलिस कई महीने से सुराग खोज रही है. डीजीपी विनय कुमार का कहना है कि बीते सालों से तुलना करें तो वारदात के खुलासे की समय सीमा घटी है. कई घटनाओं का पर्दाफाश 24 घंटे में कर दिया गया है.
अब तक लिखित आदेश जारी नहीं
इसके साथ ही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उद्भेदन की सीमा को 48 घंटे करने को लेकर अभी तक कोई लिखित आदेश जारी नहीं हुआ है. इस पर व्यवहारिक रूप से अमल में लाया जाना है ताकि समय सीमा के अंदर ही खुलासा करने का दबाव जांच अधिकारी पर नहीं हो. किसी भी घटना की जांच के लिए यह जरूरी भी है.
मार्च में काम करने लगेगी नयी साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट
साइबर घटनाओं से जुड़ी जांच पर खास ध्यान देने के लिए राज्य में साइबर क्राइम कंट्रोल यूनिट का एक अलग वर्टिकल बनाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो यह मार्च से पूरी क्षमता के साथ काम करने लगेगा. स्टेट नार्कोटिक यूनिट और साइबर क्राइम यूनिट प्रोहिबिशन का उद्देश्य नशे के धंधेबाजों और साइबर अपराधों को रोकना है. बीते जून महीने में दोनों यूनिट की स्थापना की घोषणा की गयी थी. एडीजी रैंक के अधिकारी इसको लीड करेंगे.

