Bihar News: किशनगंज जिला परिवहन विभाग पिछले 25 दिनों से पूरी तरह ठप पड़ा है, जिससे हालात विस्फोटक होने की संभावना जताई जा रही है. ना लर्निंग लाइसेंस बने, ना परमानेंट लाइसेंस और ना ही एक भी नयी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ. दरअसल, लर्निंग लाइसेंस के लिए पहले से आवेदन करने वालों की डेट अब खत्म होने वाली है और काम शुरू होने पर उन्हें फिर से आवेदन करना पड़ेगा
नयी गाड़ी खरीदने वालों को परेशानी
इसके अलावा नयी गाड़ी खरीदने वालों की मुसीबत और भी बड़ी है. बिना रजिस्ट्रेशन के अगर गाड़ी चोरी हो जाए या क्षतिग्रस्त हो, तो इंश्योरेंस क्लेम का एक पैसा नहीं मिलेगा. बीमा कंपनी का नियम साफ है, रजिस्ट्रेशन के बिना इंश्योरेंस क्लेम नहीं मिलेगा.
जमीन रजिस्ट्री ऑफिस में भी पसरा सन्नाटा
साथ ही जमीन रजिस्ट्री ऑफिस में सन्नाटा पसरा हुआ है. वहां भी सारा कामकाज ठप है. दरअसल, एक दो कट्ठा जमीन बेचकर अपनी बेटी की शादी का प्लान करने वाले भी पिछले पच्चीस दिनों से रोज चक्कर लगा रहे हैं कि आज काम हो जाएगा. जबकि बड़े जमीन के सौदागर भी परेशान हैं. यह कोई हड़ताल नहीं, बल्कि ‘ओग्रास’ नामक ऑनलाइन सरकारी सिस्टम के खराब होने की वजह से है, जो टैक्स और शुल्कों के भुगतान के लिए है. 25 दिन से यह सिस्टम डाउन पड़ा है.
दोनों के लिए सिरदर्द बना सिस्टम
दरअसल, यह व्यवस्था अब जनता के लिए सिरदर्द बन चुकी है. कई अनुमानित तारीखें गुजर चुकी हैं, लेकिन ‘ओग्रास’ ठीक होने का नाम नहीं ले रहा. फेस्टिव सीजन नजदीक है, जब गाड़ियों की बिक्री कई गुना बढ़ती है. ऐसे में यह लापरवाही और अक्षमता बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है. साथ ही बेटियों की शादी के लिए जमीन बेचकर प्लान करने वालों की प्लानिंग भी फेल होती दिख रही है और मुहूर्त आगे बढ़ते जा रहे हैं.
जिलाधिकारी क्या बोले?
इस मामले में किशनगंज के जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि स्थिति का अध्ययन हो रहा है और मैनुअल प्रक्रिया शुरू करने की संभावना तलाशी जा रही है. लेकिन, सवाल यह है कि 25 दिन तक आखिर इंतजार क्यों? जनता की इस परेशानी का जिम्मेदार कौन?
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