Bihar News: पटना. बिहार के नवगठित 120 नगर निकायों में रहनेवाले उपभोक्ताओं को शहरी इलाकों की तरह ही बिजली बिल देना होगा. बिजली कंपनी ने अभी कुछेक नगर निकायों में इस व्यवस्था को लागू किया है, पर अभी भी कई ऐसे निकाय है जहां रह रहे लोग ग्रामीण इलाकों की तर्ज पर ही बिजली बिल का भुगतान कर रहे हैं. शहरी श्रेणी में शामिल होते ही लोगों को प्रति यूनिट कम से कम 1.67 रुपये अधिक खर्च करने होंगे. हालांकि, उन्हें चौबीस घंटे बिजली के अलावा अन्य सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी.
होल्डिंग टैक्स सहित अन्य करों की वसूली शुरू
राज्य सरकार ने पिछले दो-तीन वर्षों के भीतर 120 नए नगर निकाय घोषित किए हैं. इसमें से कुछ को नगर निगम तो बाकी को नगर परिषद और नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है. नगर निकाय घोषित होते ही नगर विकास विभाग इन इलाकों में रह रहे लोगों से होल्डिंग टैक्स सहित अन्य करों की वसूली शुरू कर देता है. लेकिन, बिजली कंपनी ऐसा नहीं कर पाती है. कहने को कंपनी ने कागजी तौर पर निकायों में रह रहे लोगों से शहरी बिजली दर वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन व्यवहारिकता में दो-तीन वर्षों के बाद भी इस पर अमल नहीं हो सका है.
अब 24 घंटे में बदलेंगे खराब ट्रांसफार्मर
शहरी श्रेणी में शामिल होते ही उपभोक्ताओं को कई तरह की सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएगी. तय मानक के अनुसार बिजली कंपनी लोगों को चौबीसो घंटे बिजली आपूर्ति करेगी. ट्रांसफार्मर खराब होने पर 24 घंटे के भीतर उसे बदल दिया जाएगा. लोगों की सुविधा के लिए एक कंट्रोल रूम उपलब्ध होगा जिस पर लोग फोन कर चौबीसो घंटे अपनी समस्या कह सकेंगे. तय अवधि के भीतर बिजली की खराबियों को दूर किया जाएगा. कंपनी को शहरी इलाके के लिए तय सभी आपूर्ति मानकों को पालन करना होगा.
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