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Bihar News: मिथिला में खादी मॉल सह अर्बन हाट का शुभारंभ, रोजगार और परंपरा दोनों को बढ़ावा

Bihar News: दरभंगा अब सिर्फ मिथिला संस्कृति का गढ़ ही नहीं रहेगा, बल्कि खादी और स्थानीय हस्तशिल्प का नया केंद्र भी बनेगा. बिहार सरकार ने यहां 29.31 करोड़ रुपये की लागत से खादी मॉल सह अर्बन हाट बनाने की नींव रख दी है. यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक भवन नहीं, बल्कि क्षेत्रीय रोजगार और पहचान का बड़ा जरिया साबित होगा.

Bihar News: बिहार सरकार ने दरभंगा के सरमोहनपुर में खादी मॉल सह अर्बन हाट के निर्माण की शुरुआत की है. 29.31 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह प्रोजेक्ट डेढ़ साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

खादी एक्सपीरिएंशल सेंटर, फूड कोर्ट, रूफ टॉप रेस्टोरेंट और स्थानीय उत्पादों की बिक्री जैसी सुविधाओं से सुसज्जित यह परिसर न केवल खादी वस्त्रों को नया बाजार देगा, बल्कि स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों के लिए भी अवसरों का नया द्वार खोलेगा.

बिहार में खादी का नया केंद्र बनेगा दरभंगा

वर्तमान में बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर में खादी मॉल संचालित हो रहे हैं, जबकि पूर्णिया में इसका निर्माण कार्य चल रहा है. अब दरभंगा में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट और भी खास है क्योंकि इसमें अर्बन हाट और खादी एक्सपीरिएंशल सेंटर दोनों की व्यवस्था होगी. इससे स्थानीय उत्पादों की बिक्री और खादी संस्कृति को एक साथ मंच मिलेगा.

इस मॉल का निर्माण बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की करीब पांच एकड़ जमीन पर किया जा रहा है. निर्माण कार्य का हाल ही में आयडा (IDHA) के पदाधिकारियों ने निरीक्षण भी किया है. सरकार का कहना है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर इसे पूरा कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा.

Khadi Mall Cum Urban Haat Inaugurated In Mithila 1
मिथिला में खादी मॉल सह अर्बन हाट का शुभारंभ

रोजगार की नई संभावनाएं

परियोजना से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होने की उम्मीद है. अनुमान है कि मॉल के निर्माण से सीधे तौर पर 250 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा, जबकि अप्रत्यक्ष रूप से एक हजार से अधिक लोग इससे लाभान्वित होंगे. इससे क्षेत्र के युवाओं और कारीगरों को बड़ी राहत मिलेगी.

इस मॉल में स्थानीय उद्यमियों और कारीगरों को दुकान लेकर अपने उत्पाद बेचने का मौका मिलेगा. साथ ही, मॉल प्रबंधन सीधे उत्पादकों से खादी सामग्री और अन्य वस्तुएं खरीदकर उनकी बिक्री भी करेगा. इससे छोटे और मझोले उद्यमियों को बाजार की नई पहचान मिलेगी.

कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा

खादी वस्त्रों के साथ-साथ इस मॉल में मिथिला पेंटिंग, स्थानीय कलाकृतियां और हस्तशिल्प को भी प्रदर्शित और बेचा जाएगा. यह सिर्फ व्यापारिक मंच नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का अवसर भी होगा. कारीगर अपने हुनर को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा पाएंगे, जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.

खादी मॉल सह अर्बन हाट को आकर्षक बनाने के लिए इसमें आधुनिक फूड कोर्ट, रूफ टॉप रेस्टोरेंट और तालाब का सौंदर्यीकरण भी शामिल है. यहां आने वाले ग्राहकों और पर्यटकों को स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका मिलेगा, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

दरभंगा को मिलेगी नई पहचान

दरभंगा पहले से ही अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है. अब इस मॉल के बन जाने से यह शहर खादी और हस्तशिल्प उत्पादों का नया हब बनेगा. स्थानीय लोग इसे अपनी आर्थिक और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक मान रहे हैं.

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Pratyush Prashant
Pratyush Prashant
कंटेंट एडिटर. लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया में पीएच.डी. . वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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