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आंगनबाड़ी सहायिकाओं के लिए सरकार खोल सकती है खजाना, रिटायरमेंट के बाद मिलेंगे इतने लाख रुपये

Bihar News: समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को मुफ्त सहायता राशि की योजना का प्रस्ताव तैयार किया है. विभाग के इस प्रस्ताव को इसी माह राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है.

Bihar News: पटना. आंगनबाड़ी सहायिका और सेविका के लिए सरकार खजाना खोलने पर विचार कर रही है. जल्द ही सरकार इसपर फैसला लेनेवाली है. सरकार के पास आये प्रस्ताव को अगर मंजूरी मिल जाती है तो सेवानिवृत्त्त होते ही आंगनबाड़ी सहायिका और सेविका को सरकार एकमुश्त सहायता राशि देगी. प्रत्येक सेवावानिवृत्त आंगनबाड़ी सेविका और सेविका को एक से डेढ़ लाख रुपये सहायता के रूप में मिलेगी. यह राशि कर मुफ्त होगी. इसपर किसी प्रकार का आयकर देय नहीं होगा. इस राशि का उपयोग कर वे जीवनयापन कर सकेंगी.

दो लाख से अधिक महिलाओं को मिलेगा लाभ

विभागीय जानकारी के अनुसार समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को मुफ्त सहायता राशि की योजना का प्रस्ताव तैयार किया है. विभाग के इस प्रस्ताव को इसी माह राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है. राज्य में एक लाख 14 हजार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं. सरकार के इस फैसले से इन केंद्रों में काम करनेवाली लाखों महिलाओं को लाभ मिलेगा. खास बात यह है कि इस योजना का लाभ लेने के लिए आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को मिलनेवाली मानदेय की राशि में कटौती नहीं होगी.

प्रतिमाह चार हजार रुपये मिलता है मानदेय

जानकारी के अनुसार प्रत्येक केंद्र पर एक आंगनबाड़ी सेविका और एक सहायिका के पद हैं. इस तरह राज्यभर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर 2 लाख 28 हजार सेविका और सहायिका हैं. इस योजना का लाभ इन सभी सेविका और सहायिका को सेवानिवृत्त होतेही मिलेगी. प्रत्येक वर्ष 65 वर्ष की आयु पूरा होने पर लगभग 5 से 7 हजार आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका सेवानिवृत्त होती हैं. आंगनबाड़ी सेविका को प्रतिमाह सात हजार तो सहायिका को प्रतिमाह चार हजार रुपये मानदेय मिलता है. राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लगभग 30 से 35 लाख बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने की जिम्मेदारी है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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