Bihar News: बिहार में महिलाओं के साथ अपराध को लेकर बिहार पुलिस गंभीर है. राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले बच नहीं पायेंगे. पुलिस उन्हें खोज-खोजकर सजा दे रही है. दरअसल, महिलाओं से जुड़े अपराधों में इस साल 464 लोगों को सजा दिला दी है. इनमें शीलभंग, दहेज उत्पीड़न और पॉक्सो जैसे संगीन मामले शामिल हैं. इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि इन सभी दोषियों को रिकॉर्ड समय में सजा दिलाई गई है. इन दोषियों के सजा देने में एक साल से भी कम समय लगा.
अब तक 464 अपराधियों को सजा
पुलिस मुख्यालय की ओर से महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर सख्त निर्देश निर्देश जारी किए गए हैं. पुलिस हेडक्वार्टर से बिहार के सभी जिलों की मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसका असर अब आंकड़ों में भी दिखना शुरू हो गया है. जारी किए गए रिपोर्ट की माने तो, बीते आठ महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले 464 लोगों को सजा दिलाई गई है.
साल 2025 में जनवरी से अगस्त तक का रिकॉर्ड
शीलभंग : 131 मामलों में 154 दोषियों को सजा
पॉक्सो: 145 मामलों में 183 दोषियों को सजा
दहेज उत्पीड़न: 28 मामलों में 41 दोषियों को सजा
दहेज हत्या: 50 मामलों में 86 दोषियों को सजा
अलग-अलग जिलों के आंकड़े
बिहार के अलग-अलग जिलों में बिहार पुलिस की कार्रवाई की माने तो, रेप के मामलों में सबसे ज्यादा सफलता अररिया जिले को मिली है. यहां 11 मामलों में 11 अभियुक्तों को सजा मिली. जबकि छपरा में 7 मामलों में 9, बगहा में 3 मामलों में 12, औरंगाबाद में 9 मामलों में 9 अभियुक्त दोषी पाए गए. पॉक्सो मामलों में बेतिया, समस्तीपुर, भागलपुर और पटना जिले सबसे आगे रहे.
पिछले साल की तुलना में इस साल बेहतर प्रदर्शन
जानकारी के मुताबिक, साल 2024 में पूरे साल के दौरान रेप के 253 मामलों में 309 दोषियों को सजा दिलाई गई थी. पुलिस सजा दिलाने के मामले में एक्टिव हुई है. जिसका नतीजा है कि इस बार जनवरी से ही सजा दिलाने का सिलसिला जारी है. दूसरी तरफ डीजीपी विनय कुमार का कहना है कि अभी तो 8 महीने ही हुए हैं. अंत तक यह आंकड़ा और ज्यादा बढ़ेगा.
डीजीपी विनय कुमार का बयान
डीजीपी विनय कुमार ने कहा, महिलाओं से जुड़े अपराधों का ट्रायल जल्द कराने के साथ ही गवाहों को समय पर हाजिर कराने पर फोकस किया जा रहा है. इसके लिए समयबद्ध तरीके से ट्रायल होने से सजा की रफ्तार बढ़ी है. हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि तारीख पर गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित हो.
डीजीपी ने बताई रणनीति
साथ ही डीजीपी विनय कुमार ने बातचीत के दौरान बताया कि महिलाओं से जुड़े अपराधों में सजा की दर बढ़ाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खास रणनीति अपनाई है. केस डायरी समय पर उपलब्ध कराना, गवाहों को कोर्ट में हाजिर कराना और ट्रायल को टाइमलाइन में पूरा कराना सुनिश्चित किया गया है, जिसने अपराधों पर सजा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है.
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