Bihar News: बिहार में बाइपास निर्माण से जुड़ी बड़ी खबर है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार पर बाइपास निर्माण के लिए दो शर्तें रख दी है. जिसके बाद निर्माण कार्य पर ब्रेक लग जाने की संभावना जताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक, अरवल, दाउदनगर और औरंगाबाद में बाइपास निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग की तरफ से केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने स्वीकृति नहीं दी.
मंत्रालय ने क्या बताई वजह?
दरअसल, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से यह कहा गया कि औरंगाबाद में जमीन की न्यूनतम कीमत भी अधिक है. कीमत अधिक रहने के कारण जमीन अधिग्रहण में पैसे भी ज्यादा खर्च होंगे, जिससे मंजूरी नहीं दी गई. हालांकि, एनएच 139 पर बनने वाले अरवल और दाउदनगर में फोर लेन बाइपास बनाने को लेकर मंजूरी दे दी गई है.
कौन सी हैं दो शर्तें?
केंद्र सरकार की तरफ से पहली शर्त यह रखी गई कि बाइपास बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया जाता है. इसमें जमीन की आधी कीमत यानी कि 50 प्रतिशत कीमत राज्य सरकार को देना होगा. इसके साथ ही दूसरी शर्त यह रखी गई कि अगर राज्य सरकार जमीन की कीमत 25 प्रतिशत देती है तो एसजीएसटी में छूट देना होगा. इन शर्तों को लेकर मंत्रालय की तरफ से जुलाई 2025 में जारी पत्र का हवाला दिया गया है.
बाइपास बनने से बढ़ सकेगी कनेक्टिविटी
जानकारी के मुताबिक, दाउदनगर में बाइपास निर्माण के लिए 288.28 करोड़ रुपये जबकि अरवल में बाइपास निर्माण के लिए 665.50 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. इन जगहों पर बाइपास बनने से पटना, अरवल, दाउदनगर, औरंगाबाद के अलावा आस-पास के इलाकों में भी कनेक्टिविटी बढ़ सकेगी. हालांकि, शर्तें थोप देने के बाद निर्माण कार्य पर ग्रहण लगने की संभावना बन गई है.
120 बाइपास बनाने की योजना
मालूम हो 120 बाइपास बनाने का निर्णय सरकार की तरफ से लिया गया है. इसमें से 14 बाइपास बनकर तैयार हो गये है. लेकिन अन्य बाइपास का निर्माण किया जाना है. बिहार के अलग-अलग हिस्सों में बाइपास का निर्माण करने की योजना है.

