Bihar News: बिहार में लोगों को 6 लेन एक्सप्रेस-वे की सौगात मिलने जा रही है. जिससे बिहारवासियों को काफी सहूलियत होगी. यह 6 लेन एक्सप्रेस-वे बिहार को बंगाल, यूपी और झारखंड से जोड़ेगा. बता दें कि, वाराणसी से झारखंड तक ही बिहार से गुजरने वाली इस 6 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. उधर, पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से इस एक्सप्रेस-वे में दिलचस्पी नहीं लिए जाने के केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल वाराणसी से बिहार होते हुए झारखंड की सीमा तक ही इसे बनाने का निर्णय लिया है.
वाराणसी से कोलकाता 7 घंटे में पहुंचेंगे
हालांकि, आपको यह भी बता दें कि, कोलकाता तक इसका निर्माण नहीं होने के कारण इस एक्सप्रेस-वे की उपयोगिता कम हो जाएगी. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक,यह एक्सप्रेस वे 61वें एनएच के रूप में अधिसूचित है. उत्तरप्रदेश के वाराणसी में रेवासा गांव के निकट एनएच 19 से यह सड़क शुरू होकर चंदौली होते हुए बिहार के चांद में प्रवेश करेगी. इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने से वाराणसी से कोलकाता की दूरी जो अभी 14 घंटे की है, वह घटकर आधी हो जाएगी. यानी कि, मात्र 7 घंटे में ही पहुंचा जा सकेगा. इससे व्यापार को बढ़ावा मिलने की बात कही जा रही है.
बंगाल सरकार नहीं दिखा रही दिलचस्पी
जानकारी के मुताबिक, खास कर हल्दिया बंदरगाह तक मालों की आवाजाही आसान होगी. वहीं, 18 शहरों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर 35 हजार 228 करोड़ खर्च होने का अनुमान है. इधर, इस एक्सप्रेस-वे की उपयोगिता को देखते हुए ही केंद्र सरकार लगातार संबंधित राज्यों के साथ विमर्श कर रही है. खबर की माने तो, यूपी, बिहार और झारखंड में इस एक्सप्रेस-वे पर काम शुरू हो गया, लेकिन बंगाल सरकार इस पर कोई विचार-विमर्श करना नहीं चाह रही. हालांकि, कहा जा रहा है कि, यदि बंगाल सरकार सहमति देगी तो यहां भी काम शुरू कर दिया जाएगा.
अधिकारियों का क्या है मानना ?
वहीं, दूसरी ओर अधिकारिकारियों की माने तो, उनका विचार है कि, हल्दिया बंदरगाह तक मालों की आवाजाही के लिए बनाए जा रहे इस एक्सप्रेस-वे का काम बंगाल में नहीं होने से इसकी उपयोगिता कम हो जाएगी. बिहार में यह एक्सप्रेस-वे सात पैकेज में बन रहा है. दो और तीन का टेंडर हो चुका है लेकिन आम लोगों द्वारा जमीन अधिग्रहण की राशि अधिक मांगे जाने के कारण निर्माण बाधित है. पैकेज चार में टनल का निर्माण होना है. लेकिन वन विभाग ने टनल बनाने के लिए ब्लास्ट करने की अनुमति नहीं दी और टीएनबी से टनल बनाने का सुझाव दे दिया. यह भी कहा गया कि, टीएनबी से टनल बनाने में बड़ी राशि खर्च होगी, जिसके लिए एनएचएआई ने आपत्ति जतायी है. ऐसे में देखना होगा कि, आखिरकार कब तक लोगों तक यह सौगात पहुंच पाती है.