Bihar News: शुक्रवार को अधिवेशन भवन में बिहार राज्य महिला आयोग ने अपना 24वां स्थापना दिवस मनाया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और आयोग पर आधारित स्मारिका ‘संवाद से सरोकार तक’ का विमोचन किया.
इस अवसर पर महिलाओं के लिए एक बड़ी पहल की गई—ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण पोर्टल लॉन्च कर दिया गया. अब पीड़ित महिलाएं राज्य के किसी भी हिस्से से घरेलू हिंसा, अपराध या उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकेंगी और उस पर हो रही कार्रवाई की जानकारी भी ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगी.
दो दशक से ज्यादा का सफर
बिहार राज्य महिला आयोग की स्थापना 19 सितंबर, 2001 को हुई थी. समाज कल्याण विभाग की सचिव और महिला एवं बाल विकास निगम की प्रबंध निदेशक बंदना प्रेयषी ने बताया कि आयोग ने अब तक हजारों महिलाओं की समस्याओं को सुना और समाधान कराया है. 24वें स्थापना दिवस पर न सिर्फ अतीत की उपलब्धियों को याद किया गया, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने पर भी चर्चा हुई.
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने समारोह में कहा कि सरकार लगातार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए योजनाएं ला रही है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक सभाओं में महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाई जाती है, जो बेहद निंदनीय है. उन्होंने आयोग से मांग की कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
स्त्री और मिस्त्री दोनों हैं महिलाएं
परिवहन मंत्री शीला मंडल ने महिलाओं की प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि पहले महिलाओं की दुनिया सिर्फ चूल्हा और दूल्हा तक सीमित थी. लेकिन अब बिहार की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा—“आज महिलाएं स्त्री और मिस्त्री दोनों हैं. वे घर भी संभाल रही हैं और समाज-देश के निर्माण में भी अपनी भूमिका निभा रही हैं.
बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष प्रो. अप्सरा ने कहा कि आयोग आने वाले समय में और सक्रिय होगा. उनका कहना था कि महिलाओं को उनका वाजिब हक दिलाना ही आयोग की प्राथमिकता है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव प्रचार के दौरान महिला प्रतिष्ठा का हनन न हो और इसके लिए आयोग सख्त कदम उठाएगा.
राष्ट्रीय महिला आयोग का संदेश
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने इस अवसर पर कहा कि बिहार राज्य महिला आयोग को राष्ट्रीय स्तर पर तालमेल बैठाकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग को शिकायतें सुनने से लेकर महिलाओं में जागरूकता फैलाने तक हर स्तर पर सक्रिय रहना होगा.
कार्यक्रम में बिहार राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा और अश्वमेध देवी भी शामिल हुईं. दिलमणी मिश्रा ने कहा कि आज की महिलाएं किसी भी अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाने में सक्षम हैं और आयोग उनकी इस ताकत को और मजबूत कर रहा है. वहीं अश्वमेध देवी ने ऑनलाइन शिकायत पंजीकरण प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि इससे पीड़ित महिलाएं जल्दी सुरक्षित महसूस करेंगी और न्याय पाने की प्रक्रिया तेज होगी.
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आयोग की 24वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए कहा कि आयोग ने हमेशा महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने भरोसा जताया कि तकनीक के नए साधनों के साथ आयोग भविष्य में और अधिक प्रभावी बनेगा.
ऑनलाइन कैसे शिकायत दर्ज करवा सकती है महिलाएं
शिकायत दर्ज करने के लिए महिलाओं को लंबी कागजी कार्रवाई नहीं करनी होगी. महज एक कॉल के जरिए ही वह अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती है. अब बिहार राज्य महिला आयोग की तरफ से जल्द ही एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा.
इसके जरिए महिलाएं सीधे कॉल करके अपनी समस्या साझा कर सकेंगी. बिना किसी डर या झिझक के. इस हेल्पलाइन नंबर के जरिए महिलाएं अपना आवेदन दे सकती हैं और पूरे मामले की जानकारी दे सकती हैं. कॉल के बाद महिला आयोग स्वतः मामले को संज्ञान में लेगी और जरूरी कार्रवाई करेगी.
पहले महिलाओं को शिकायत दर्ज कराने के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती थी. जिसमें काफी समय और मेहनत लगती थी. कई बार महिलाएं डर या असुरक्षा के कारण प्रक्रिया बीच में ही छोड़ देती थीं. जिससे उन्हें मदद नहीं मिल पाती थी.
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