Bihar Kisan Yojana: बिहार में किसानों की सूरत बदलने के लिए सरकार की तरफ से खास पहल की गई है. ऐसे में कैश क्रॉप की खेती की लिस्ट और लंबी होने जा रही है. इसमें स्ट्रॉवेरी, अनानास, ड्रेगेन फ्रूट जैसे फलों के अलावा कश्मीर में उगने वाला अंजीर भी जुड़ने जा रहा है. बिहार सरकार की ओर से इसके लिए अंजीर फल विकास योजना की शुरुआत की गई है. सरकार की यह पहल न सिर्फ किसानों को अतिरिक्त कमाई का अवसर देगी, बल्कि बिहार में फलों की विविधता और उत्पादन को भी नया आयाम देगी.
किसानों को 2 सालों तक मिलेगा अनुदान
अंजीर की खेती के लिए कृषि विभाग की ओर से 2025-26 और 2026-27 वित्तीय वर्ष के लिए अंजीर फल विकास योजना को लागू किया गया है. विभाग ने अंजीर की खेती की प्रति हेक्टेयर लागत 1.25 लाख रुपये तय की है. इस लागत पर किसानों को 40 प्रतिशत यानी 50 हजार रुपये का अनुदान देगी. 2025-26 में किसानों को 30 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा. जो 1.25 लाख का 60 फीसद होगा.
इतने जिलों में होगी अंजीर की खेती
जानकारी के मुताबिक, सरकार की ओर से अंजीर फल विकास योजना को बिहार के करीब 32 जिलों में लागू किया गया है. इनमें अरवल, भोजपुर, बक्सर, गोपालगंज, जहानाबाद, लखीसराय, मधेपुरा, सारण, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, अररिया, औरंगाबाद, बेगूसराय, भागलपुर, दरभंगा, पूर्वी चम्पारण, जमुई, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, पटना, गया, रोहतास, पूर्णिया, समस्तीपुर, वैशाली और पश्चिम चम्पारण शामिल हैं.
ऐसे किया जा सकता है आवेदन
बिहार के किसान इस योजना का फायदा ऑनलाइन आवेदन कर उठा सकते हैं. इसके लिए किसान कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन करना होगा. जिला उद्यान पदाधिकारी से अनुदान को लेकर अन्य जानकारी मिल सकती है.
बिहार सरकार की बेहद खास पहल
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना बिहार के किसानों के लिए एक बड़ा मौका है. अंजीर की खेती से उन्हें खाद्यान्न फसलों पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी और नकदी फसल के रूप में अतिरिक्त आर्थिक रूप से फायदा भी होगा. सरकार की कोशिश है कि किसान पारंपरिक खेती के साथ-साथ ऐसी फसलों की ओर भी बढ़ें, जो बाजार में अच्छी कीमत दिला सकें. अंजीर की खेती किसानों की आमदनी बढ़ाने में बेहद खास कदम साबित हो सकती है.

