Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार रविवार शाम थम गया. इसके साथ ही चार दिनों तक चला ‘हेलीकॉप्टर युद्ध’ भी खत्म हुआ. राज्य के अलग-अलग जिलों में नेताओं ने हेलीकॉप्टर और चार्टर्ड विमानों से रैलियों की झड़ी लगा दी थी.
चार दिनों में कुल 82 हेलीकॉप्टर और 16 चार्टर्ड विमान प्रचार में इस्तेमाल किए गए. इन हेलीकॉप्टरों ने मिलकर 310 घंटे उड़ान भरी. हर हेलीकॉप्टर ने औसतन तीन से चार घंटे प्रतिदिन आसमान में बिताए.
हेलीकॉप्टरों से गूंजा बिहार का आसमान
चुनाव प्रचार के दौरान हेलीकॉप्टरों की आवाज बिहार के हर इलाके में गूंजती रही. पटना, गया, सासाराम, भागलपुर, पूर्णिया और दरभंगा के एयरस्ट्रिप्स पर सुबह से शाम तक नेताओं का आना-जाना जारी रहा. हेलीकॉप्टर सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनियों के अनुसार, एक-एक हेलीकॉप्टर ने प्रतिदिन तीन से चार घंटे उड़ान भरी. कई बार एक ही हेलीकॉप्टर को एक दिन में तीन अलग-अलग जिलों में उतारना पड़ा. चुनावी रैलियों का यह हवाई अभियान इतना व्यस्त था कि कई बार एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टरों की कतार लग गई.
एनडीए ने झोंकी पूरी ताकत, 61 हेलीकॉप्टर किए इस्तेमाल
दूसरे चरण में एनडीए गठबंधन का हवाई प्रचार महागठबंधन पर भारी दिखा. केवल एनडीए की ओर से 61 हेलीकॉप्टर इस्तेमाल किए गए. इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार रैलियां करते रहे.
एनडीए की रणनीति स्पष्ट थी जितने अधिक इलाकों तक पहुंच, उतनी मजबूत पकड़. चार्टर्ड विमानों से भी बड़े नेताओं ने लगातार हवाई सफर किया ताकि कम समय में ज्यादा जिलों को कवर किया जा सके.
महागठबंधन का हवाई मोर्चा,एनडीए से पीछे रहा
महागठबंधन की ओर से 21 हेलीकॉप्टर प्रचार में लगे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अशोक गहलोत ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सभाएं कीं. तेजस्वी यादव और वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी कई जनसभाएं कर जनता से सीधा संवाद स्थापित किया. हालांकि संख्या के लिहाज से महागठबंधन का हवाई प्रचार सीमित रहा, लेकिन उनके भाषणों में बेरोजगारी, शिक्षा और महंगाई जैसे मुद्दे लगातार गूंजते रहे.
अंतिम दिन रहा सबसे व्यस्त, 21 हेलीकॉप्टर और 5 चार्टर्ड विमान
प्रचार के अंतिम दिन, यानी रविवार को, पटना एयरपोर्ट से 21 हेलीकॉप्टरों ने उड़ान भरी. इसके अलावा 5 चार्टर्ड विमान भी आसमान में सक्रिय रहे. इन विमानों से एनडीए के दिग्गज नेता राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचे और अंतिम दिन का पूरा फायदा उठाया.
पटना एयरपोर्ट का माहौल रविवार को पूरी तरह चुनावी था. एक तरफ एनडीए नेताओं की उड़ानें तय हो रही थीं, तो दूसरी ओर महागठबंधन की टीम अपने अगले गंतव्य के लिए तैयार खड़ी थी.
बार बिहार चुनाव का स्वरूप पूरी तरह “हवाई” हो गया. पहले दौर की तुलना में दूसरे चरण में नेताओं ने जमीनी सभाओं से ज़्यादा भरोसा हवाई सभाओं पर जताया. एनडीए की ओर से ज्यादा हेलीकॉप्टर और चार्टर्ड विमानों का इस्तेमाल यह संकेत देता है कि सत्ता पक्ष ने संसाधनों और पहुंच का पूरा लाभ उठाया. दूसरी ओर, महागठबंधन ने सीमित संसाधनों में अधिक से अधिक जिलों को कवर करने की रणनीति अपनाई.
राजनीतिक लड़ाई अब जनता के मन में उतर चुकी है. किसकी उड़ान ऊंची रहेगी और किसका इंजन ठंडा पड़ जाएगा, इसका फैसला अब मतदाता करेंगे.

