Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों का चुनाव प्रचार अब समाप्त हो चुका है. राज्य का हर इलाका नेताओं के पोस्टरों, रैलियों और जनसभाओं से गूंजता रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव तक, हर कोई जनता के बीच पहुंचा. अब बारी है जनता की, जो आने वाले मतदान में तय करेगी कि सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी.
नीतीश कुमार का ‘ग्राउंड टू स्काई’ प्रचार अभियान
मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने इस चुनाव में सबसे ज्यादा सभाएं की. उन्होंने कुल 84 जनसभाओं को संबोधित किया इनमें 73 सभाएं हेलीकॉप्टर से और 11 सड़क मार्ग से की गई. नीतीश ने प्रचार के दौरान करीब एक हजार किलोमीटर की सड़क यात्रा भी की.
इस दौरान वे विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में एनडीए प्रत्याशियों से मिले, उन्हें सम्मानित किया और मतदाताओं से उनके समर्थन की अपील की. कई जगह उन्होंने पैदल जनसंपर्क कर सीधे लोगों से संवाद भी स्थापित किया.
मोदी के 14 मेगा शो, एनडीए के बड़े चेहरे मैदान में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में 14 चुनावी सभाओं को संबोधित किया. उनके हर कार्यक्रम में जबरदस्त भीड़ और सुरक्षा के बीच राजनीतिक जोश देखने को मिला. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 11, गृह मंत्री अमित शाह ने 24 और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 रैलियां की. इन सभाओं में एनडीए ने विकास कार्यों, केंद्र की योजनाओं और ‘डबल इंजन सरकार’ के मॉडल पर वोट मांगे. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने सबसे अधिक सक्रियता दिखाई उन्होंने 186 सभाएं की, जिससे एलजेपी (रामविलास) की मौजूदगी हर जिले में दर्ज की जा सके.
तेजस्वी यादव की ‘एयर स्ट्राइक’ स्टाइल कैंपेनिंग
महागठबंधन की तरफ से सबसे बड़ा चेहरा रहे तेजस्वी यादव ने प्रचार अभियान को पूरी तरह अपने कंधों पर उठाया. उन्होंने 183 सभाएं की और 55 घंटे हेलीकॉप्टर से उड़ान भरी. तेजस्वी ने एक दिन में 18 सभाएं कर रिकॉर्ड बनाया. उनकी सभाओं में बेरोजगारी, महंगाई और शिक्षा जैसे मुद्दे केंद्र में रहे. तेजस्वी के साथ राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी और प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने भी करीब 50-50 सभाएं कर चुनावी माहौल को गर्म रखा.
कांग्रेस और वाम दलों की भी रही जोरदार मौजूदगी
कांग्रेस के प्रचार अभियान की कमान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने संभाली. राहुल ने 16 और प्रियंका गांधी वाड्रा ने 13 सभाएं की, जबकि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन कार्यक्रमों में भाग लिया. कांग्रेस ने इस दौरान बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और महंगाई जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाया.
वाम दलों ने भी मोर्चा संभाला भाकपा (माले) ने 149, भाकपा ने 113 और माकपा नेताओं ने 78 सभाओं के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
अब मैदान जनता के हाथ
दोनों चरणों के प्रचार के बाद अब मैदान मतदाताओं के हवाले है. कौन-सी रैली ने असर छोड़ा और किस नेता की बात जनता के दिल तक पहुंची. यह तय होगा वोटिंग के दिन. अभी के लिए सियासी माहौल ठंडा जरूर हुआ है, लेकिन हवा में अब भी नारों और उम्मीदों की गूंज बाकी है.

